आफताब की जिंदगी का हर राज धीरे-धीरे होता जा रहा : बेपर्दा

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
आफताब की जिंदगी से जुड़ा एक और राज उसके जेल जाने के बाद खुला. वो राज जिसे देखकर जेल अधिकारी भी सन्न रह गए. दरअसल , शातिर आफताब शतरंज के खेल का मंझा हुआ खिलाड़ी है. श्रद्धा के कत्ल की साजिश से जुड़ा हो या फिर एक के बाद एक गर्लफ्रेंड बदलने के शौक से. ऐसा खिलाड़ी जो खुद की चाल खुद के खिलाफ चलता है, ऐसा खिलाड़ी जो अपनी ही चाल का खुद ही जवाब देता है. यानी आफताब शतरंज का ऐसा खिलाड़ी है, जो दोनों छोर से अकेले ही बाजी खेलता है- यानी शह भी उसकी मात भी उसकी.

पुलिस को कहानी में उलझा रहा आफताब’:
दिल्ली पुलिस को शुरुआत से ही शक है कि आफताब बेहद शातिर है. उसकी हर चाल एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा लगती है. मानो शतरंज की बिसात पर दोनों छोर से अकेले वही अकेले खेल रहा हो. तफ्तीश के दौरान दिल्ली पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने तो यहां तो बताया था कि पुलिस को लगता है कि जांच अधिकारी हम नहीं बल्कि कातिल आफताब है, जिसके इशारों पर ही दिल्ली पुलिस की जांच घूम रही है. यानी वो अपनी चाल के तहत पुलिस को अपनी बुनी हुई कहानी में उलझा रहा था.

यही वजह है शुरुआती तफ्तीश के दौरान पुलिस ने इस शातिर कातिल के दिमाग को पढ़ने के लिए साइकोलॉजिस्ट की मदद ली और अब नार्को करवाने तक पर मजबूर होना पड़ा. यानी उसकी किसी बात पर यकीन करना मुश्किल है. आफ़ताब की सेल में उसके साथ 2 अन्य कैदियों को रखा गया है, जिन्हें 24 घंटे आफताब पर निगरानी रखने के लिए कहा गया है.

सेल के आसपास खास निगरानी :
इतना ही नहीं, आफताब पर जेल के अंदर खतरे को देखते हुए जेल अधिकारी उसकी सेल के आसपास विशेष निगरानी रखे हुए हैं. आफताब ना तो किसी से ज्यादा बात करता है और न ही किसी से घुल मिल रहा है. जेल अधिकारियों के मुताबिक, आफताब समय से खाना खाता और समय से सोता है मानो उसे अपने किए पर कोई पछतावा ही नहीं है. उसकी इन्हीं हरकतों से लगता है कि मानो श्रद्धा का कत्ल भी शतरंज की रणनीति की तरह किसी गहरी साजिश का हिस्सा है.