खुद के फेवरेट बनने के लिए : खुद से करे पॉजिटिव बाते – फिर देखे जीवन में अच्छा बदलाव ,

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
क्या आपके सिर के अंदर की छोटी आवाज आप पर भारी पड़ रही है? यह वह आवाज है जो आप हमेशा सोचते हैं और उस पर एक मजबूत राय रखते हैं. यह वह है जो आपके जीवन का वर्णन करता है और परिभाषित करता है कि आपको जीवन के प्रति पॉजिटिव दृष्टिकोण कैसे रखना चाहिए. हालांकि, जब आप अपने आप से जहरीली बातें करते रहते हैं (जिन्हें आपको नजरअंदाज करना चाहिए) तो आपकी अंदर की आवाज भी आपके खिलाफ हो जाती है.

ये जहरीली बातें खुद से कहना बंद करें

1. मैं हमेशा बेवकूफी भरी चीजें करता हूं
सबसे चतुर व्यक्ति भी गलतियां करते हैं। बेशक, हर एक्शन का एक नतीजा होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उस चिंता को अपनी चीजों को सही करने की क्षमता पर हावी होने दें. इसके बजाय आप अपनी गलतियों से सीखें और सुधार करें, ना कि आप खुद को तोड़-मरोड़ कर इस तरह की बातें करें.

2. मैं हमेशा फेल होता हूं
असफलता जीवन का एक हिस्सा है और यह तब तक मायने नहीं रखता जब तक आप जानते हैं कि आप कैसे वापस उठते हैं. असफलता को स्वीकार करना सोचने के सबसे जहरीले तरीकों में से एक है. यह सुनने में चाहे कितना भी घिसा-पिटा लगे, लेकिन यह सच है कि कभी हार न मानें और तब तक प्रयास करते रहें जब तक आप सफल न हो जाएं.

3. किसी को मेरी परवाह नहीं है
आप कभी-कभी उदास या अकेलापन महसूस करते हैं, जो एक सामान्य बात है. हालांकि ‘किसी को मेरी परवाह नहीं है’ जैसे विचारों को जन्म नहीं देना चाहिए. जिस तरह से आप चारों ओर सब कुछ देखते हैं, उससे फर्क पड़ता है. तो जिस क्षण आप यह सोचने लगते हैं कि कोई आपकी परवाह नहीं करता, आप लोगों को दूर भगाना शुरू कर देते हैं. आपके जीवन में कई लोग हो सकते हैं जो आपकी परवाह करते हैं, आपको बस इतना करना है कि उन तक पहुंचे और उनसे बात करें.

4. मुझे नहीं बोलना चाहिए
क्या आपको लगता है कि जब आप बोलते हैं तो लोग इसे पसंद नहीं करते हैं? क्या आपको लगता है कि हर बार जब आप बोलते हैं तो आपको आंका जाता है? सबसे पहले आपके आस-पास के लोगों को आपको इस तरह महसूस नहीं कराना चाहिए और यदि वे ऐसा करते हैं तो आपको अपने आसपास के लोगों के बेहतर ग्रुप की आवश्यकता है.

5. क्या इस तरह जीने लायक है?
क्या आप हाल ही में उदास महसूस कर रहे हैं? उदासी के कुछ क्षण जल्दी बीत जाते हैं और कुछ आपके विचार से अधिक लंबे समय तक रहते हैं, जिसके बाद आप डिप्रेशन में चले जाते हैं. यदि आपके मन में ‘क्या यह जीवन जीने योग्य है’, ‘अगर मैं चला गया तो यह बेहतर है’ तो किसी से मदद मांगे! कोई भी समस्या इतनी बड़ी नहीं होती है, जिसका हल ना हो. अपने प्रियजनों या पार्टनर से बात करने से आपको मदद मिल सकती है.

6. मुझे कोई उम्मीद नहीं है
निराशा, लाचारी, उदास मूड, खुद को नुकसान पहुंचाना, चिड़चिड़ापन और कोई प्रेरणा न होना डिप्रेशन के लक्षण हैं. इसके अन्य शारीरिक लक्षणों में नींद न आना, भूख न लगना, थकान और यौन इच्छा में कमी शामिल हैं. इन लक्षणों को पहचानने से आपको समय पर पेशेवर मदद लेने में मदद मिल सकती है.