मंगलवार को पीएम मोदी के संबोधन में : बीजेपी कार्यकर्ताओं को दिया ये मैसेज – लोकसभा चुनाव में बचे हैं 400 दिन ,

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का समापन मंगलवार को पीएम मोदी के संबोधन के साथ हुआ है. पीएम मोदी ने अपने भाषण में बीजेपी कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश दिया. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में 400 दिन बचे हैं. ऐसे में पूरी ताकत के साथ चुनाव की तैयारी में जुट जाएं. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, बीजेपी अब केवल राजनीतिक आंदोलन नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक दशाओं को बदलने के लिए काम करने वाला एक सामाजिक आंदोलन भी है.

पीएम मोदी ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किस प्रकार से हम कुशासन से सुशासन की ओर आए हैं ये संदेश हमें युवाओं तक पहुंचाना है. हमें संवेदनशीलता के साथ समाज के सभी अंगों से जुड़ना है. वोट की चिंता किए बिना देश और समाज को बदलने का कार्य बीजेपी को करना है. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से हमने बेटी बचाओ अभियान को सफल बनाया उसी प्रकार से धरती बचाओ अभियान भी चलाना होगा. फर्टिलाइजर की अधिकता के कारण जलवायु परिवर्तन और धरती माता पर पड़ने वाले परिणामों को कम करने की आवश्यकता है.

पीएम मोदी ने कहा, आकांक्षी जिलों के विकास में भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की भूमिका हो. इसके अतिरिक्त हमारे सभी राज्य एक दूसरे के साथ समन्वय बढ़ाते हुए भावनात्मक रूप से जुड़ें. उन्होंने कहा कि, आज का प्रधानमंत्री का उद्बोधन प्रेरक भी था, दिशा दर्शक भी था और नई राह दिखने वाला था. उन्होंने कहा कि अपने जीवन का क्षण-क्षण भारत की विकास गाथा में लगाएं. इस ‘अमृत काल’ को ‘कर्तव्य काल’ में परवर्तित करने से ही देश को आगे ले जाए जा सकता है.

पीएम मोदी ने कहा, भारत के जीवन का सर्वोत्तम काल आ रहा है और हम इसे सामने आते देख रहे हैं. ऐसे समय में हम लोग मेहनत में पीछे ना रहें. प्रयत्नों की पराकाष्ठा करें. अपने जीवन का क्षण-क्षण और अपने शरीर का कण-कण हम भारत की विकास गाथा में लगाएं. ज्ञात हो कि भारत की आजादी के 75 वर्ष से 100 वर्षों तक के सफर को प्रधानमंत्री अक्सर ‘अमृत काल’ कहते हैं. अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने बीजेपी के विभिन्न मोर्चों को सीमाई क्षेत्रों में अपने कार्यक्रम करने, आकांक्षी जिलों के विकास में योगदान देने, काशी-तमिल संगमम की तर्ज पर अन्य भाषाओं से जुडे़ कार्यक्रमों का आयोजन करने और पार्टी के प्राथमिक सदस्यों का जिलेवार सम्मेलन करने का सुझाव दिया.