बिहार की सियासत हुई गर्म : उपेंद्र कुशवाहा के ऐसे बोल – जीते जी किया जा रहा मेरा पोस्टमार्टम.. आखिर क्यों ,

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बिहार की सियासत इन दिनों गरमाई हुई हैं। उनको लेकर कई तरह की अटकले लगाई जा रही हैं। जनता दल यूनाइटेड ( जेड यू ) के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के प्रमुख कुशवाहा ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए अपना रुख साफ किया हैं। लेकिन उन्होंने अपनी आगे की रणनीति को लेकर कोई खुलासा नहीं किया हैं। रविवार को उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) में शामिल होने की अटकले निराधार हैं।

कुशवाहा ने कहा कि भाजपा नेताओं से मिलने का मतलब यह नहीं है कि मैं भाजपा में शामिल होने जा रहा हूं. हमारी पार्टी का जितना बड़ा नेता होता है, वह उतना ही भाजपा नेताओं के संपर्क में रहता है. उन्होंने समझाते हुए कहा कि ये निराधार अफवाहें हैं. मैं अस्पताल में लोगों से मिला, इसका राजनीतिकरण करने की कोई जरूरत नहीं है. कुशवाहा ने यह भी कहा कि जब अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे हैं तो उन्हें ऐसा लगा मानो ‘‘जीते जी मेरा पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है’’.

इससे पहले शनिवार को उपेंद्र कुशवाहा की भाजपा के साथ कथित बढ़ती करीबी की अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह कुशवाहा से मिलेंगे और इस पर चर्चा करेंगे. गया में अपनी समाधान यात्रा के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि कृपया उपेंद्र कुशवाहा से बात करने के लिए कहें. उन्होंने पहले भी पार्टी छोड़ दी थी, मुझे नहीं पता कि वह क्या चाहते हैं. मैं पटना में नहीं था इसलिए मुझे इसकी जानकारी नहीं है. वह इस समय अस्वस्थ हैं, मैं उनसे मिलूंगा.

बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ जांच के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती हैं. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी. कुशवाहा ने यह स्पष्ट किया कि ‘‘100 प्रतिशत से अधिक’’ तय है कि वह भाजपा के ‘‘कभी सदस्य नहीं बनेंगे’’. उन्होंने हालांकि नाराजगी व्यक्त की , कि उनकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के विलय के लगभग दो साल बाद भी ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि लोग आश्वस्त नहीं हैं कि मैं पूरी तरह से जद (यू) के साथ हूं’’.पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई और कारण नहीं दिखता कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुझसे सीधे बात करने के बजाय मीडिया से मेरे बारे में क्यों बात की.’’