एक बार फिर बढ़ा जिगाना पिस्टल का आतंक !

 

रीडर टाइम्स डेस्क

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तीन हमलावरों ने पुलिस की मौजूदगी में मौत के घाट उतार दिया और सब देखते रह गए । इस हत्याकांड में सबसे अहम रोल उस विदेशी पिस्टल का था जिसने कुछ ही सेकंड में अतीक अहमद और अशरफ की जान ले ली।
टर्की की टिसास कंपनी मेड जिगाना पिस्टल एक बेहद खतरनाक अर्ध-स्वचालित हथियार है।
पूरी दुनिया जिगाना पिस्टल से खौफ खाती है। टिसास ने इसका उत्पादन 2001 में शुरू किया।

जिगाना की खूबियां

  • जिगाना पिस्टल अपने सरल ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए जानी जाती है।
  • पॉलीमर फ्रेम वाली इस पिस्टल में एक साथ 15 गोलियां लोड होती हैं।
  • यह अपने मूल डिजाइन वाली टर्की की पहली पिस्टल में से एक है।
  • इस पिस्टल में संशोधित ब्राउनिंग टाइप लॉकिंग सिस्टम के साथ लॉक स्लाइड शॉर्ट डिफाइन ऑपरेटिंग सिस्टम मौजूद है। जो इसे बेहद अनोखा बनाता है ।

जिगाना पिस्टल पर भारत में पूरी तरह से बैन है। इसे गैरकानूनी तरीके से बॉर्डर पार करा कर भारत लाया जाता है। इस गन की अनुमानित कीमत 7लाख से 15 लाख के बीच बताई जा रही है। इस पिस्टल को अधिकारिक तौर पर कुछ देशों की सेनाएं या उनकी विशेष सैन्य टुकड़ी आए इस्तेमाल कर रही हैं । जिनमें प्रमुख रूप से मलेशियाई सेना, फिलीपींस पुलिस और यूएस कोस्ट गार्ड भी इस गन का इस्तेमाल करते हैं। जिगना पिस्टल कितनी घातक है इसकी बानगी अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के दौरान मिल चुकी है। महज 40 सेकंड के दौरान 15 से 18 राउंड फायर किए गए। इस गन के खौफ के कारण पुलिसकर्मी भी इधर उधर दुबके हुए नजर आए। हमलावरों के लोडेड हथियार फेंकने और सरेंडर की गुहार लगाने के बाद ही पुलिस उन्हें पकड़ सकी है।

पंजाब के बहुचर्चित मूसे वाला हत्याकांड में भी जिगाना का इस्तेमाल किया गया था ।अब पुलिस के सामने बड़ा सवाल खड़ा है कि पकड़े गए तीनों शूटर्स के पास इतनी महंगी गन कहां से आई जबकि यह तीनों बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले हैं।