कैसे जवाब दें बच्चों के सेक्स संबंधित सवालों का व सेक्स के बारे में बात करने का सही समय ,

रिपोर्ट : डेस्क रीडर टाइम्स
बच्चों को सेक्स से संबंधित सवालों का सही जवाब नहीं मिलेगा तो वे कहीं और भागेंगे। ऐसे में उनकी समझ सही तरह से विकसित नहीं होगी, जो ठीक नहीं है। बच्चे बड़े होते हुए सेक्स को अलग- अलग तरीके से समझने की कोशिश करते हैं। आपने भले ही अपने बेटे या बेटी को निप्पल्स या पेनिस के लिए अलग- अलग मनगढंत नाम दिए होंगे और सोचा होगा कि काम हो गया! लेकिन बढ़ते हुए बच्चे धीरे- धीरे चीजों को समझने लगते हैं। आप ये सोच कर देखें कि किसी दिन आपका 8 साल का बच्चा आपके पास आए और आपसे क्रश का मतलब पूछने लगे तो आप क्या कहेंगी? बॉडी पार्ट्स, बेबी के जन्म और सेक्स से संबंधित कई सवाल बढ़ते बच्चों के दिमाग को परेशान करते हैं। और जब वे आपसे सवाल करते हैं तो आपको समझ नहीं आता कि आप क्या जवाब दें। ऐसा इसलिए क्योंकि असल सवालों को दूर भगा कर कहानी बुनते हुए हम कुछ विषयों पर अनकम्फर्टेबल रहते हैं। जबकि सच तो यह है कि इन सवालों का जवाब देना बहुत जरूरी है।

इस बारे में बच्चों की मम्मियों को सही तरीके से जवाब देना बहुत जरूरी है क्योंकि छोटे बच्चों का मस्तिष्क रोजाना विकसित होता रहता है और अगर आप उन्हें जवाब नहीं देंगी तो वे कहीं और से अपने सवालों का जवाब पाने की कोशिश करेंगे। उनकी इस कोशिश में उनके पास गलत जवाब हो सकते हैं, जो किसी भी तरह से सही नहीं हैं।

सबसे पहली गलती हम यह करते हैं कि हम अपने बच्चों को प्राइवेट पार्ट्स के सही नाम नहीं बताते हैं। फालतू के किसी भी नाम से प्राइवेट पार्ट्स को बुलाना छोड़ दीजिए। आपको उसे सही शब्द बताने हैं। साथ ही, अगर वह अपने प्राइवेट पार्ट्स टच करता है तो यह बिल्कुल नॉर्मल है क्योंकि यह उन्हें अच्छा महसूस कराता है। लेकिन इस बारे में बात जरूर कीजिए। उसे बताइए कि कुछ चीजें सिर्फ प्राइवेसी में ही की जा सकती हैं। यदि वह बार- बार पब्लिक में ऐसा करता है तो उसे कोड वर्ड में मना कीजिए, जो वह समझ जाए। उसे डटिए मत और ना गिल्टी महसूस कराइए, क्योंकि ऐसा करके आप उन्हें यह अहसास दिलाएंगी कि वे बहुत गलत कर रहे हैं।

बच्चों से सेक्स के बारे में बात करने का कोई सही या गलत समय नहीं है। अगर बच्चा कोई सवाल पूछता है तो उसके उम्र के अनुसार उसे सही जवाब दें। अगर आप जवाब नहीं देंगे तो वह इंटरनेट पर ढूंढेगा। उन्हें यह पता होना चाहिए कि सेक्स से जुड़ा कोई भी सवाल निगेटिव नहीं है।

बच्चे अपने प्राइवेट पार्ट्स को लेकर जानना चाहते हैं क्योंकि हम उन्हें बताते हैं कि उन्हें ढक कर रखना चाहिए। वे जानना चाहेंगे कि उनकी बॉडी आपकी बॉडी या किसी और से कैसे अलग है। उनसे प्राइवेसी के बारे में बात करें। उन्हें पुरुष और महिला की बॉडी के इलस्ट्रेशन दिखाकर भी समझा सकती है कि बड़े होने पर बॉडी कैसे बदलती जाती है। जब भी वह कोई सवाल पूछे, उसे बताएं। उन्हें बताएं कि इसी अंतर की वजह से लड़कियां पेशाब के समय बैठती हैं और लड़के खड़े होकर पेशाब करते हैं। इस तरह से आप कम्यूनिकेशन के दरवाजे खोल कर रख सकती हैं और जान सकती हैं कि आपका बच्चा क्या सोच रहा है।