चार साल पूर्व घंटाघर से गायब हुई घड़ी – अभी तक नही लगा सुराग ,

संवाददाता श्याम जी गुप्ता
रीडर टाइम्स न्यूज़
शाहाबाद / मुगलकालीन समय से नगर की ऐतिहासिक विरासत के रूप में स्थापित घंटाघर की तांबा पीतल मिश्रित लाखों की कीमती घड़ी 4 साल पूर्व गायब हुई थी। नगर वासियों की शिकायत पर पालिका प्रशासन अभी भी आंखे मूंदे है।नगर वासियों ने घंटाघर की घड़ी को चालू कराने के लिए कई बार ज्ञापन दिया लेकिन लापरवाह ईओ ने इसे चालू कराना उचित नही समझा। जिससे नगरवासियों में पालिका प्रशासन के साथ एक क्षत्र राज करने बाले चेयरमैन के प्रति भी आक्रोश व्याप्त हो गया है। बताते चलें कि नगरवासियों ने 4 बर्ष पूर्व ऐतिहासिक धरोहर घंटाघर के सौंदर्यीकरण एवं बन्द पड़ी घड़ी को चालू कराने के लिए पालिका प्रशासन को ज्ञापन दिया था,इसके बाद पालिका प्रशासन ने मिस्त्री बुलवाकर घंटाघर की घड़ी को चालू कराने की बात कहते हुए उतरवा लिया था। जब से आज तक घंटाघर से निकाली गई घड़ी का अता-पता नही है।

कुछ लोगों का तो यहाँ तक कहना है कि नगर के ऐतिहासिक धरोहर के सौंदर्यीकरण मात्र 50 हजार खर्च कर कागजों पर लाखों दिखाते हुए पालिका अध्यक्ष और प्रशासन ने भ्रष्टाचार किया फिर भी अष्टधातु से बनी घंटाघर की घड़ी को सही कराने के बहाने निकालते हुए इसे नगरपालिका पालिका द्वारा चोरी से बेचे जाने का आरोप लगाया है। नगर के एक समाजसेवी संजय गुप्ता सहित व्यापार मंडल ने कई बार ज्ञापन दिया लेकिन पालिका प्रशासन द्वारा घंटाघर की घड़ी लगवाना तो दूर की बात यह भी नही बता पा रहे हैँ कि लाखों की कीमती घड़ी कहाँ हैँ,उसका क्या किया गया है और कब तक लगाई जाएगी। वही घंटाघर की घड़ी के बाबत पूंछने पर ईओ शाहाबाद ने बताया कि तीन से चार दिनों में घड़ी लगवा दी जाएगी।