कूड़े-कचरे में भोजन तलाशने को मजबूर गाय

रीडर टाइम्स न्यूज़
संवाददाता श्याम जी गुप्ता
पालिका प्रशासन की लापरवाही से नगर की सड़कों पर सैंकडों गौवंश दे रहे हादसों को दावत
शाहाबाद – नगर में गौशाला होने के बावजूद भी गाय गलियों में पड़े कूड़े में भोजन तलाशने को मजबूर है। कूड़े – कचरे में भोजन तलाश कर रही इन गायों को लेकर पालिका प्रशासन के कानो में जू तक नही रेंग रही है। यहाँ तक कि तहसील प्रशासन भी पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है इसी का कारण है कि नगर की सड़कों पर झुण्ड के झुण्ड में गौवंश हादसों को दावत देते मिल जायेंगे। नगर में सैंकड़ों की संख्या में गाय, उनके बछड़े व बैल अपना पेट भरने के लिए दर-दर की ठोकरें खाते फिरते रहते है लेकिन न तो पालिका प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान है और न ही गायों के हक में लड़ाई लड़ने वाले समाज के ठेकेदारों का। जबकि नगर का गौशाला मौजूद है, लेकिन इस गौशाला में भी गाय सिर्फ कागजों पर ही भोजन करती है वास्तविक स्थित एकदम परे है।

नगरवासियों का कहना है कि कस्बे में गायों के लिए कई एकड़ में गौशाला सफीपुर में बना हुआ है लेकिन उसके बावजूद भी गाय बेसहारा हो चुकी है गाय अपनी भूख मिटाने के लिए कभी किसी के दरवाजे पर तो, कभी कूड़ा-कचरा के ढेर भोजन की तलाश में लगी रहती है लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नही है। नगरवासियों का कहना है कि ऐसा नही है कि इन बेसहारा पशुओं के लिए सरकार ने कोई मुहिम न बनाई हो, लेकिन शाहाबाद पालिका प्रशासन में गौवंश संरक्षण की यह मुहिम सिर्फ कागजों तक ही सीमित है, जबकि धरातल पर हकीकत कुछ ओर है।

गौशाला में है पर्याप्त स्थान –
शाहाबाद – लोगों का कहना है कि नगर के गौशाला में गायों के रख-रखाव के लिए पर्याप्त स्थान है लेकिन बावजूद भी सैंकड़ों की संख्या में गौ वंश सड़कों व गलियों में भटकने का मजबूर है। आज समाजिक व धार्मिक संस्थाएं गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए तो सरकार से लड़ाई लड़ने को तैयार हैं, लेकिन इन भटकते गौवंश की ओर किसी का भी ध्यान नही है। सरकार के लाख प्रयास के बाबजूद गौवंश कूड़े के ढेर , सड़कों , गलियों और दरवाजो पर भोजन की तलाश करते रहते हैं स्थानीय प्रशासन इन गौवंशों की दयनीय दशा होने के बाबजूद कानो में पूरी तरह से ठेठ डालकर सो रहा है।