चांद की चाहत आखिर क्यों?

रिपोर्ट :डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
दुनिया चांद की दीवानी क्यों
मंगल ग्रह तक पहुंचने में चांद निभाएगा बड़ी भूमिका
दुर्लभ खनिजों से पता पड़ा है चांद का धरातल
आखिर चांद की चाहत का राज क्या है क्यों आज सारी दुनिया चांद पर अपना अधिकार जमाना चाहती हैं चांद पर पहुंचने की होड़ में प्रमुख महा शक्तियां अपनी सारी ताकत क्यों झोंक रही हैं इन जैसे ना जाने कितने सवाल आज विश्व पटल पर अपने जवाब तलाश रहे हैं ! आज हम यहां प्रस्तुत जानकारी से मोटा मोटी चांद पर जाने में लगी और कारण समझ पाएंगे ! बचपन से सुनी इस कविता से प्रत्येक भारतवासी किसी ना किसी रूप से जरूर जुड़ा है “चंदा मामा दूर के पुए पकाए पुर के” तो कल्पना लोक के चंदा मामा असल में अब हम लोगों से बहुत दूर के ना होकर काफी पास आ गए हैं ! दूरी की बात करें तो चांद धरती से 484400k.m दूर है वैसे तो यहां दूरी बहुत अधिक है लेकिन पहले की अपेक्षा हम चांद के बारे में काफी अधिक जान गए हैं और भविष्य में और जानकारी प्राप्त कर हम चांद के और करीब पहुंचने में कामयाब हो जाएंगे! चांद पर अभी तक जुटाई जानकारी के आधार पर हम कह सकते हैं ! कि आज से करोड़ों साल पहले एक विशाल पिंड धरती से टकरा गया! जिससे एक भयानक विस्फोट हुआ अंतरिक्ष की इस हरकत से पैदा हुए मलबे से चांद का जन्म हुआ पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर चांद का एक दिन होता है ! चांद के दिन का तापमान 127 डिग्री तक पहुंच जाता है जबकि चांद की रात वर्ष के समान ठंडी होती है और रात का तापमान -173 डिग्री तक पहुंचता है !

चांद पर पानी है ? –
पानी जीवन के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है पानी की मौजूदगी का पता भारत ने लगाया था 2008 में भारत के चंद्रयान ने हाइड्रोक्सिल अणुओ के बारे में जानकारी हासिल की थी! चांद पर पानी का मिलना हम लोगों के चांद के प्रति आकर्षण को और बढ़ा रहा है! इसको वैज्ञानिक तरीके से भी समझा जा सकता है ! आज मानव अंतरिक्ष में यात्रा करना चाहता हैं चंद्रमा मानव के लिए एक बेहतर लॉन्च पैड साबित हो सकता है चांद पर मिले पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग करके रॉकेट फ्लू बनाया जा सकता है ! धरती से रॉकेट उड़कर चांद पर पहुंचेगा फिर फ्लू लेकर आगे की यात्रा पर जा सकेंगे !

चांद पर मौजूद हैं दुर्लभ खनिज का खजाना –
चांद पर मौजूद है दुर्लभ खनिजों का खजाना अमेरिका स्पेस एजेंसी ताज का कहना है कि हीलियम-3 चांद पर मौजूद है ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा पर हीलियम तीन की प्रस्तुत पृथ्वी के काफी अधिक है अरबो वर्षो में सौर हवा द्वारा रेजो लिथ की ऊपरी परत में निर्मित हुई है ! कई वैज्ञानिक खोजों को संपन्न करने में हीलियम-3 बेहतर महत्वपूर्ण साबित होती है चंद्रमा पर लगभग 30 लाख हीलियम होने का दावा किया जा रहा है ! इसके अलावा मोबाइल फोन कंप्यूटर और आधुनिक तकनीक से जुड़े तमाम खनिजों का विशाल भंडार चांद पर मौजूद है और विश्व की महाशक्तियां चांद पर अपना अधिकार जमा कर खनन के माध्यम से इस अद्भुत खजाने को पाना चाहती हैं चांद पर नजर गड़ाए हर महाशक्ति चांद पर अपना बसेरा चाह रही है लेकिन यहां सब इतना आसान नहीं रहस्यों से भरे चांद को हम कितना जान पाए हैं और कितना अभी जाना बाकी है भारत का चंद्र तीन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग का 23 या 24 अगस्त को प्रयास करेगा अगर भारत इसमें सफल होता है तो ऐसा करने वाला वह विश्व का चौथा देश बन जाएगा साथ ही सबसे कम लागत में चंद्रमा तक पहुंचने वाला वह विश्व का पहला देश बन जाएगा !