कांग्रेस को बड़ा झटका, गवर्नर ने बीजेपी के केजी बोपैया को बनाया प्रोटेम स्पीकर

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कर्नाटक:- कर्नाटक चुनाव में सरकार बनाने की दौड़ में शामिल कांग्रेस और जेडीएस ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। और दोनों ही दलों ने इस बार राज्यपाल के प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के फैसले को चुनौती दी है। वंही दूसरी ओर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाला वादा निभा चुके बीएस येदियुरप्पा के सामने आज एक और अग्निपरीक्षा है| सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद येदियुरप्पा को आज शाम 4 बजे कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत साबित करना है| अगर वो ऐसा कर पाते हैं, तो उनकी कुर्सी बची रहेगी, अन्यथा सीएम बनने का मौका जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी को मिल सकता है|

इससे पहले कर्नाटक गवर्नर द्वारा बीजेपी को सरकार बनाने के आमंत्रण के खिलाफ कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया| सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कल शाम 4 बजे फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है| सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने बीएस येदियुरप्पा द्वारा गवर्नर को दिया गया लेटर सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया| कांग्रेस और जेडीएस से जुड़े वकीलों की मानें तो इस मामले को लेकर कोर्ट देर रात तक सुनवाई कर सकता है। दोनों ही दलों ने इस दौरान प्रोटेम स्पीकर के पद पर केजी बोपैया की नियुक्ति को जिस आधार पर चुनौती दी है| उनमें पहला यह है कि वह सदन में जूनियर हैं। सदन में उनसे ज्यादा वरिष्ठ सदस्य मौजूद है। ऐसे में जूनियर को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना गलत है। कांग्रेस ने राज्यपाल के फैसले को लोकतंत्र की हत्या बताया है| इस बीच खरीद-फरोख्त की आशंकाओं को देखते हुए कांग्रेस और जेडी-एस ने अपने सभी विधायकों को हैदराबाद भेज दिया है|

वहीं बीजेपी नेता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि केजी बोपैया को 2008 में भी उस समय के गवर्नर ने प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। बोपैया की उम्र उस समय आज से भी 10 साल कम थी। कांग्रेस की अपत्ति निराधार है। बोपैया की नियुक्ति पूरी तरह से नियमों के मुताबिक हुई है।

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आखिर क्या है प्रोटेम स्पीकर

दरासल प्रोटेम स्‍पीकर अस्थाई विधानसभा अध्यक्ष होता है। इसकी नियुक्ति गवर्नर करता है| इसकी नियुक्ति तब तक के लिए होती है जब तक विधानसभा अपना कोई अध्यक्ष नहीं चुनती| प्रोटेम स्पीकर ही नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ ग्रहण कराएंगे और इसके बाद शक्ति परीक्षण होगा। सुप्रीम कोर्ट ने विडियोग्राफी करवाने की कांग्रेस की अपील पर फैसला नहीं दिया और यह निर्णय भी प्रोटेम स्पीकर के विवेक पर छोड़ दिया।

क्या है कर्नाटक की पूरी रणनीति

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की 222 सीटों पर आए नतीजों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। बीजेपी को 104 सीटें मिली हैं, लेकिन यह बहुमत से दूर है। बहुमत के लिए 112 विधायक जरूरी हैं और संख्या बल के लिहाज से बीजेपी के 8 विधायक कम हैं। कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं। शनिवार को शक्ति परीक्षण के बाद ही पता चल सकेगा कि येदियुरप्पा की सरकार रहती है या नहीं।