रांची – मंत्री के PS का नौकर निकला करोड़पति ,ED ने नौ ठिकानो पर छापा मारा !

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क

  • झारखंड में नौ ठिकानो पर ED कि रेड।
  • 25 करोड़ जब्त ,नोटों कि गिनती जारी।
  • मंत्री आलमगीर आलम की बढ़ सकती हैं मुश्किलें।
  • मुन्ना के आवास से तीन करोड़ कैश बरामद।
  • वीरेंद्र राम मामले में हो रही कार्रवाई।

झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीरी आलम के पीए संजीव कुमार और उनके घरेलू नौकर जहाँगीर आलम के यहाँ सोमवार ED की छापेमारी जारी हैं। अनुमान लगाया जा रहा हैं कि रकम 20-30 करोड़ से ज़्यादा हो सकती हैं। ऐसे में इसे गिनने के लिए बैंक से कर्चारी और मशीने मंगवाई गई हैं। ED की टीम अभी भी रांची में कई जगहों पर छापेमारी कर रही हैं। यह कैश आलमगीरी आलम के निजी सचिव संजीवलाल के नौकर जंहागीर के घर से मिला हैं।ED ने जब खुद भी नोटो का पहाड़ देखा तो दंग रह गई। बता दे कि अबतक 20 करोड़ से ज़्यादा रूपये कि गिनती हो चुकी हैं। अधिकारियों ने बताया कि गिनती अभी भी जारी हैं। सूत्रों के अनुसार ,नकद राशि 500 के नोटों में बरामद कि गई हैं। संजीव लाल के आवास पर स्टील के ट्रक लाए गए हैं।

पूरा मामला 10 हजार रूपये कि रिश्वत मामले कि जांच से शुरू हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स इसी सिलसिले ,में पिछले साल मई में ED ने चीफ इंजीनियर के यहाँ छापेमारी की थी। तब उन्होंने बयां दिया था। कि रिश्वत कि रकम मंत्री के घर पहुंचाई जाती हैं। बस इसी के बाद आलमगीरी आलम का नाम पहली बार सामने आया था। इसके बाद ED कि जांच आगे बढ़ती गई। और बस यही से कड़िया जोड़ते हुए ईडी ने सचिव संजीव लाल तक पहुंच गई। इसके बाद उनके नौकर के घर छापेमारी कि गई। इस छापेमारी के दौरान ईडी को खुद भी इस बात का अंदाजा नहीं होगा कि जिस नौकर कि सैलरी 15 हजार रूपये हैं उसके घर नोटों का अम्बार कैसे मिल सकता हैं।

क्या हैं वीरेंद्र राम मामला – ED ने पिछले साल फरवरी में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र के राम को मनी लॉन्ड्रिग मामले में गिरफ्तार किया था। लम्बे समय तक पूछताछ के ED ने उन्हें गिरफ्तार किया था। वही ED के सामने विरदंर राम ने कई बड़े व्यक्तियों के साथ अपने संबंधो का भी खुलासा किया था। जिसमे राम के यहाँ 150 करोड़ कि सम्पत्ति भी बरामद कि गई थी। इसी को राम के पास एक लैपटॉप और कुछ पेन ड्राइव भी मिली थी। पिछले साल ईडी ने 21 फरवरी को उनके 24 ठिकानो पर छापेमारी शुरू कि थी ,जो दूसरे दिन 22 फरवरी को समाप्त हुई थी।

मंत्री ने दी प्रतिक्रिया -इस बीच आलमगीरी आलम ने कहा कि ,संजीव लाल एक सरकारी कर्मचारी हैं वह मेरे निजी सचिव हैं संजीव लाल पहले से ही पूर्व मंत्रियों के निजी सचिव रह चुके हैं। कई सरकारी कर्मचारी और हम आमतौर पर अनुभव के आधार पर निजी सचिव कि नियुक्ति करते हैं। ED कि जांच पूरी होने से पहले छापेमारी पर टिप्पणी करना सही नहीं हैं।