रीडर टाइम्स डेस्क
पति-पत्नी के झगड़े में केस की धाराएं कम करने के लिए 20000 की रिश्वत मांगना मेरठ की महिला दरोगा को बहुत भारी पड़ गया। पहले जेल भेजी गई और अब नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया ….

मेरठ में रिश्वत लेते पकड़ी गई महिला दरोगा पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दी गई। 20000 रिश्वत लेने के चक्कर में दरोगा को पहले जेल की हवा खानी पड़ी और अब नौकरी से भी निकाल दी गई। मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) कलानिधि नैथानी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक्शन लिया।
पुलिस के मुताबिक 2017 में मेरठ के थाना कोतवाली मेरठ में तैनाती के दौरान महिला दरोगा अमृता यादव एक अभियोग में गंभीर धाराएं हटाने के आवाज में 20 हजार रुपए की रिश्वत लेने का आरोप था। भ्रष्टाचार निवारण एजेंसी की टीम ने उन्हें बुढ़ाना गेट पुलिस चौकी से रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसकी रिपोर्ट थाना कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गई। जांच की बात मामला अदालत भेजा गया वहां विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मेरठ में 5 सितंबर 2024 को महिला दरोगा को दोषी ठहराते हुए साल 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 75000 का जुर्माना भी लगाया।
पति-पत्नी का झगड़ा ऐसे एंटी करप्शन टीम के जाल में फांसी –
पति-पत्नी के झगड़े में महिला दरोगा ने रिश्वत मांगी थी इसी के बाद एंटी करप्शन टीम ने घेराबंदी और रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। गाज़ियाबाद के मोदीनगर की रहने वाली समीर की शादी मेरठ की मजहर से हुई थी। शादी की बात नाराज उसकी पत्नी मायके चली गई और उसके खिलाफ मेरठ के कोतवाली थाने में कोर्ट के जरिए में दहेज उत्पीड़न रेप सहित करने अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कोतवाली थाने में तैनात महिला दरोगा अमृता यादव जांच अधिकारी नियुक्त की गई थी। महिला दरोगा ने समीर को फोन कर बुलाया और मुकदमे में लिखी गई धाराओं में से दो धाराएं कम करने के नाम परएक लाख रूपये की मांग की थी। महिला दरोगा ने समीर से कहा कि 20,000 लेकर आ जाओ धाराएं कम कर दूंगी। समीर ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से कर दी . एंटी करप्शन टीम ने महिला दरोगा को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाए समीर के साथ दो लोग और ₹2000 के 10 नोटों के साथ महिला दरोगा को भिजवाए। बुढ़ाना गेट पुलिस चौकी पर महिला दरोगा जैसे ही ₹20,000 की रिश्वत ली एंटी करप्शन टीम ने दबोच लिया।