केदारनाथ के पास हेलिकॉप्टर क्रैश ,सात की मौत – मरने वालों में 2 साल का बच्चा भी

रीडर टाइम्स डेस्क
उत्तराखंड में केदारनाथ धाम गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरने वाला आर्यन एविएशन का है एक हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के जंगलों में क्रश हो गया जिससे इसमें सवाल पायलट समय समेत सात लोगों की मौत हो गई …

केदारनाथ से गुप्तकाशी आ रहा हेलिकॉप्टर क्रैश

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड क्षेत्र में बड़ा हादसा हुआ। रविवार को सुबह-सुबह केदारनाथ रूट पर श्री केदारनाथ नाथ धाम से गुप्तकाशी जा रहा था। हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के पास क्रश हो गया है। हेलीकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे। दर्दनाक हादसे में सात लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 23 महीने का बच्चा भी शामिल। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमें भी पहुंच गई। अगले आदेश तक हेलीकॉप्टर सेवा रोक दी गई है।

हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के जंगलों में क्रश हो गया है हेलीकॉप्टर में पायलट समेत सात यात्री सवार थे। इस हादसे में सभी सात लोगों की मौत हो गई। पायलट की पहचान राजवीर सिंह चौहान के रूप में हुई जो मूल रूप से राजस्थान के जयपुर के रहने वाले थे।

आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल से सेवानिवृत थे -राजवीर सिंह
राजवीर सिंह आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल से सेवानिवृत्ति कुछ महीना पहले ही उन्होंने आर्यन कंपनी से एविएशन पायलट के रूप में ज्वाइन किया था। वह 6 महीने पहले जुड़वा बच्चों के पिता बने थे। उनकी मौत से परिजनों पर दुखो का पहाड़ टूट गया हैं।

47 वर्षीय बीकेटीसी कर्मचारियों की मौत –
उत्तराखंड हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 47 वर्षीय बीकेटीसी कर्मचारी विक्रम रावत की भी मौत हो गई। उनके निधन पर मध्य समिति के सभी कार्यालय में कर्मचारियों ने एकत्रित होकर शोक संवेदना व्यक्त की। इस बात की जानकारी बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के प्रवक्ता हरीश गौड़ ने दी थी।

मृतकों में राजकुमार जायसवाल , श्रद्धा जायसवाल , काशी जायसवाल , तुष्टि सिंह ,विनोद ,विक्रम सिंह और कैप्टन राजीव शामिल हैं। शवों की बुरी तरह से जलने की सूचना हैं। बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर गोरी माई खर्क के ऊपर जंगल में गिरा है।

उत्तराखंड में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकॉप्टर संचालक को लेकर कड़े निर्देश जारी किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन की सख्त एसओपी तैयार की। जिसमे हेलीकॉप्टर की तस्वीर की स्थिति की पूर्ण जांच और उड़ान से पूर्व मौसम के सटीक जानकारी लेना अनिवार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि तकनीकी विशेषज्ञ की एक समिति का गठन किया था। जो हेली संचालन के सभी तकनीकी सुरक्षा पहलुओं की गहन समीक्षा कर एसओपी तैयार करेगी। यह समिति यह सुनिश्चित करेगी। कि हेली सेवाओं का संरक्षण पूरी तरह से सुरक्षित , पारदर्शी और निर्धारित मानकों के अनुसार है।