मुख्य आर्थिक सलाकार अरविंद सुब्रमण्यम ने अपने पद से दिया इस्तीफा, पर देश की सेवा में हमेशा तत्पर रहूँगा

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मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन वित्त मंत्रालय छोड़ रहे हैं, और वह अपनी ‘पारिवारिक प्रतिबद्धताओं’ की वजह से अमेरिका लौट रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। सुब्रमण्यन को 16 अक्टूबर, 2014 को वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्तकिया गया था। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी।

 

 

अरविंद सुब्रमण्यम ने बतौर मुख्य आर्थिक सलाहकर 16 अक्टूबर 2014 को तीन वर्षों के लिए पद संभाला था। जिसे पिछले साल बढ़ाकर बाद में अक्टूबर 2018 तक कर दिया गया। अपने फेसबुक शीर्षक- ‘थैंक्यू अरविंद’ में जेटली ने कहा कि ‘सुब्रमण्यम अपनी वर्तमान जॉब के चलते परिवार से अलग-थलग पड़े हुए थे’, जब उन्हें पिछले एक साल के और अपने पद पर बने रहने का अनुरोध किया गया था।

 

 

जेटली ने कहा, ”कुछ दिन पहले सुब्रमण्यम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुझसे बात की। उन्होंने बताया कि वह पारिवारिक प्रतिबद्धताओं की वजह से अमेरिका लौटना चाहते हैं। उनके कारण व्यक्तिगत हैं, लेकिन उनके लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। मेरे पास उनसे सहमत होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। जेटली ने कहा कि पिछले साल अक्तूबर में सुब्रमण्यम का तीन साल का कार्यकाल पूरा हुआ था। इसके बाद उन्होंने सुब्रमण्यम से कुछ समय और पद पर बने रहने का आग्रह किया था।

 

मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद छोड़ने पर अरविंद सुब्रमण्यम ने बताया, “मैंने जितने भी जॉब किए हैं या करूंगा उनमें यह सबसे अच्छा था। हालांकि इसमें कभी-कभी विवाद भी रहे, लेकिन इन सबके बाद भी यह मजेदार था। मैं अपने इस कार्यकाल से अच्छी यादें लेकर जाऊंगा। मैं भविष्य में हमेशा भारत की सेवा के लिए तैयार रहूंगा।”

 

सुब्रमण्यम स्वामी ने उठाए थे सवाल: भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी अरविंद सुब्रमण्यम के खिलाफ मोर्चा खोला था। जून 2016 में उन्होंने ट्वीट कर उन्हें मुख्य आर्थिक सलाहकार पद से हटाने की मांग की थी। स्वामी का आरोप था कि अरविंद 2013 में अमेरिकी संसद में भारत के खिलाफ एक्शन लेने की बात कर चुके हैं। हालांकि, उस समय जेटली ने स्वामी के बयान को निजी राय बताते हुए कहा था कि सरकार को अरविंद सुब्रमण्यम पर पूरा भरोसा है।

 

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जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था के वृहद आर्थिक प्रबंधन के लिए सुब्रमण्यम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ”व्यक्तिगत रूप से मुझे उनके व्यक्तित्व , ऊर्जा, बौद्धिक क्षमता और विचारों की कमी खलेगी। एक दिन में वह कई बार मेरे कमरे में आकर मुझे ‘मिनिस्टर’ कहकर बुलाते थे। कभी वह अच्छी खबर देते तो कभी दूसरे तरह का समाचार देने आते थे। निश्चित रूप से मुझे उनकी कमी खलेगी। मुझे विश्वास है कि वह कहीं भी होंगे वहां से अपनी सलाह या विश्लेषण भेजते रहेंगे |