30 जून से दिल्ली मेट्रो के 9 हजार कर्मचारी हो सकते है अनिश्चितकाल हड़ताल पर, ठप हो सकती है सर्विस

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नई दिल्ली:- मुंबई की तरह दिल्ली की ‘लाइफ लाइन’ कही जाने वाली मेट्रो सेवा अगले 24 घंटे में ठप हो सकती है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि दिल्ली मेट्रो के 9000 नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने 29 जून यानी शुक्रवार से ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का एलान किया है। मेट्रो के नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि समेत 10 मांगे रखी हैं और उनके पूरा न होने तक अनिश्चितकालीन सेवा हड़ताल जारी रखने की धमकी दी है| अगर कर्मचारियों की भूख हड़ताल हुई तो दिल्ली मेट्रो की सेवाएं ठप होने का खतरा मंडरा गया है। लाखों यात्रियों को इससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इससे न केवल मेट्रो की परेशानी बढ़ेगी, बल्कि बसों के साथ सड़क पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

पिछले कुछ दिनों से दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारी लगातार अलग-अलग मेट्रो स्टेशनों पर बाजू पर काली पट्टी बांधकर धरना दे रहे हैं। नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों में- ट्रेन ऑपरेटर्स, स्टेशन कंट्रोलर, टेकनिशन, ऑपरेशन स्टाफ, मेनटेनंस स्टाफ आदि कर्मचारी शामिल हैं। दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में इन कर्मचारियों की अहम भूमिका है। पिछले साल भी मेट्रो के नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी, लेकिन तब आखिरी वक्त में डीएमआरसी प्रबंधन और स्टाफ काउंसिल के बीच समझौता हो गया जिस कारण हड़ताल टल गई, लेकिन अब मेट्रो कर्मचारी मैनेजमेंट पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रहे हैं|

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कर्मचारियों का कहना है कि प्रबंधन ने पिछले साल जुलाई में जो वायदे किए थे उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है। नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों की मांगें अब भी पिछले साल वाली हैं, सैलरी और पे ग्रेड में रीविजन, अरियर का भुगतान। इसके अलावा यूनियन बनाने का अधिकार और किसी कर्मचारी को केवल परिस्थिति में ही निकाला जाए और इसके लिए तय दिशा-निर्देश हों। डीएमआरसी कर्मियों का कहना है कि वे पिछले 10 सालों से एक ही वेतन पर काम कर रहे हैं| उन्होंने बताया कि इससे पहले अच्छा काम करने पर हर पांच साल में प्रमोशन दिया जाता था|

प्रसाद ने कहा कि ग्रेड 13,500-25,520 को ग्रेड 14,000-26,950 के साथ मिलाने का वादा किया गया था जिसे पूरा नहीं किया गया। इसके अलावा कर्मचारी नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों के लिए 20,600-46,500 के स्तर की सैलरी की मांग कर रहे हैं। दिल्ली मेट्रो के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 19 जून से ही हाथ पर काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध कर रहे हैं. मैंनेजमेंट के उदासिन रवैये को देखते हुए कर्मचारियों ने 25 जून से कार्यस्थल पर मिलने वाली सभी सुविधाओं का त्याग करने और अपनी ड्यूटी के दौरान भूखा रहने का निर्णय लिया|

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इस दौरान कर्मचारी अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं| ड्यूटी के दौरान आराम करने के लिए मिलने वाले समय में कर्मचारी रेस्टरूम की जगह प्लेटफॉर्म पर बैठकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं| इस दौरान गर्मी की वजह से कुछ महिला कर्मचारियों की तबियत भी खराब हो चुकी है| कर्मचारी यमुना बैंक, द्वारका, बदरपुर, मुंडका, कुतुब मीनार, विश्वविद्यालय, जहांगीर पुरी, ओखला NSIC और पंजाबी बाग वेस्ट स्टेशनों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे न केवल वहां बैठकर धरना दे रहे हैं बल्कि मांग पूरी न होने पर हड़ताल पर जाने के नारे भी लगा रहे हैं।

भारद्वाज ने कहा कि हम इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि प्रदर्शन के दौरान यात्री सेवाएं बाधित न हों लेकिन अगर 29 जून तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं तो 30 जून से हम पूरी तरह हड़ताल पर चले जाएंगे। भारद्वाज ने कहा, ‘ट्रेनों का रख-रखाव नहीं होगा और ट्रेन डिपो से बाहर नहीं आएंगी। स्टेशन कंट्रोलर यह सुनिश्चित करेगा कि मेट्रो स्टेशन आम जनता के लिए बंद रहें।’ इस मामले पर दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता ने कहा, ‘ये कुछ एचआर संबंधी समस्याएं हैं। हमें उम्मीद हैं कि इन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।’