लोकपाल की नियुक्ति पर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा 10 दिनों में बताये केंद्र सरकार, कब होगी लेकपाल की नियुक्ति

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लोकपाल की नियुक्ति के मुद्दे सुप्रीम कोर्ट सख्‍त होता नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हलफनामा दाखिल कर ये बताने का निर्देश दिया है कि लोकपाल की नियुक्ति कब तक होगी? कोर्ट ने 10 दिन में हलफनामा दायर कर लोकपाल की नियुक्ति के लिए लगने वाले समय और उठाए जा रहे कदमों की जानकारी मांगी।संसद में कानून बनने के बावजूद अभी तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट के बार-बार निर्देश देने के बावजूद लोकपाल गठन टलता रहा है। संप्रग सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान लोकपाल और लोकायुक्त बनाने की मांग केंद्र में रही। आखिरकार अन्ना हजारे के दबाव में संसद में इसे बनाने का कानून बन भी गया। लेकिन साढ़े चार साल बाद भी लोकपाल की संस्था वजूद में नहीं आ पाई है|

पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 17 जुलाई तय की है| न्यायालय गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था| याचिका में 27 अप्रैल, 2017 के न्यायालय के आदेश के बावजूद लोकपाल की नियुक्ति नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया गया है| शीर्ष न्यायालय ने पिछले वर्ष अपने फैसले में कहा था कि प्रस्तावित संशोधनों के संसद में पारित होने तक लोकपाल कानून को निलंबित रखना न्यायोचित्त नहीं है| बता दें कि बीजेपी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को बड़े पैमाने पर उठाया था, लेकिन केंद्र में उसकी सरकार बनने के बाद लोकपाल की नियुक्ति की दिशा में अभी तक कुछ खास हासिल नहीं किया जा सका है|

लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि लोकसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी यानी कांग्रेस के सदन में नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नेता प्रतिपक्ष मानते हुए लोकपाल के गठन की प्रक्रिया पूरी की जाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एक बार लोकपाल के चयन समिति की बैठक भी बुलाई गई, लेकिन किन्हीं कारणों से वह नहीं हो पाई। केंद्र में मोदी की सरकार बनने के शुरुआती दिनों में कहा गया कि लोकपाल के चयन के लिए नेता प्रतिपक्ष की जरूरत है, जो मौजूदा सरकार में नहीं है| इसीलिए लोकपाल के गठन में दिक्कत आ रही है|

लोकपाल की तरह राज्यों में लोकायुक्त का गठन होना था। अन्ना आंदोलन के दौरान कई राज्यों ने इसके लिए जरूरी कानून भी पास किया था। लेकिन लोकायुक्त को लेकर कानून बनाने वाली राज्य सरकारें इसके गठन से परहेज कर रही हैं। यहां तक कि अन्ना आंदोलन के सहारे दिल्ली की सत्ता तक पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब इसकी बात नहीं करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एक बार लोकपाल के चयन समिति की बैठक भी बुलाई गई, लेकिन किन्हीं वजहों से वह नहीं हो पाई. राज्यों में लोकपाल का गठन नहीं हो पाया है|