जापान में बाढ़ से मरने वालो की संख्या 100 के पार, बारिश ने 42 साल का रिकॉर्ड तोड़ा

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जापान में मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 141हो गई है। दर्जनों लोग लापता, ढूंढने में जुटे राहतकर्मी।प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि यह हमारे लिए आपदा की घड़ी है। उन्होंने आपदा की इस घड़ी को ‘समय के साथ जंग’ बताया क्योंकि हर गुजरते मिनट के साथ परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। ह्योगो, ओकायामा, फुकुओका, नागासाकी, सागा, हिरोशिमा और टोट्टोरी प्रांत में बाढ़ आ गई है। बारिश और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 38 की मौत हो गई है। 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। करीब 40 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा असर ह्योगो, ओकायामा, नागासाकी प्रांत पर पड़ा है। यहां के कई इलाकों में 100 सेमी तक बारिश दर्ज की गई। सड़कों पर 16 फीट तक पानी भर गया है।

 

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जापान के रक्षा मंत्री इत्सुनोरी ने बताया, सशस्त्र सेना के लगभग 48,000 जवानों को राहत अभियान के लिए लगाया गया है, जबकि 21,000 जवानों को इसके लिए तैयार रखा गया है। मौसम विभाग ने रविवार तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। कई जगह एक घंटे में आठ सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है। भारी बारिश के बीच रविवार को क्यूशू और शिकोकू द्वीप के लिए नई आपदा चेतावनी जारी की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बचाव अभियान, लोगों की जान बचाना और विस्थापन का कार्य समय के खिलाफ एक लड़ाई है।

 

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उन्होंने कहा कि अब भी कई ऐसे लोग हैं जिनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी बाकी है। सरकार के शीर्ष प्रवक्ता योशिदी सुगा ने कहा कि बारिश संबंधी घटनाओं में 48 लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन अभी यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। सुगा ने कहा कि करीब 92 लोगों के ठिकानों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा लोगों के हताहत होने की खबरें मिली हैं। उन्होंने बताया कि राहत अभियान में 40 के करीब हेलीकॉप्टर लगे हुए हैं। पश्चिम जापान में बारिश से हालात सबसे अधिक खराब हैं। कुछ गांव पूरी तरह डूब गए हैं, जहां मदद पहुंचने तक कुछ लोगों ने अपने घर की छतों पर पनाह ली।

 

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मूसलाधार बारिश से अचानक बाढ़ आ गई और भूस्खलन हुआ। इस कारण अधिकारियों को करीब 50 लाख लोगों को उनकी जगह से हटाना पड़ा। सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और दर्जनों घर भी पूरी तरह तबाह हो गए। बाढ़ से दक्षिण जापान के शहरों में लोगों को सुरक्षित स्थान तक ले जाने के लिए सड़कों पर नावें चलानी पड़ीं। भूस्खलन की आशंका के चलते बाढ़ प्रभावित शहरों के कई हाइवे बंद कर दिए गए हैं। हिरोशिमा, ओकायामा और क्योटो के कई इलाकों में पानी कई बहुमंजिला इमारत की पहली फ्लोर तक पहुंच गया। लोगों को घर से निकालने के लिए हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा।

 

 

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सोमवार को बारिश में कमी आई है। हालांकि अधिकारियों के मुताबिक खतरा अभी टला नहीं है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि भारी बारिश की वजह से पहाड़ी क्षेत्रों और पहाड़ के ढलानों में जमीन ढीली हो गई है जिससे नया खतरा पैदा हो गया है। वेदर एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया, ‘हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे संभावित भूस्खलन को लेकर सतर्क रहें।