लखनऊ में बेगम हज़रत महल बेघर

begam hazrat mahalअवध के आख़री ताजदार वाजिद अली शाह और प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना बेगम हज़रत महल की प्रपौत्री मंज़िलत फ़ातिमा लखनऊ में आ कर कई दिनों तक मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास करती रहीं। पर मुलाक़ात नहीं हुई। स्वतंत्रता की अलख जगाने वाली इस वीरांगना के वंशज आज अपने घर में ही बेगाने हो गए।शायद इसलिए कि उनके पीछे कोई वोट बैंक नहीं है।
अजीब बात है जिस का पूरा अवध था आज उसके पास एक कमरा भी नहीं है। जब की अंग्रेजों के चमचे बड़ी बड़ी कोठियों में विजजमं हैं।