धरती झूम झूम कर गाये कन्हैया आने वाले हैं
Aug 24, 2019

धरती झूम झूम कर गाये कन्हैया आने वाले हैं।
जमुना जी का जल बल खाये कन्हैया आने वाले है।
ब्रज भूमी के घर घर के अंधियारों में उजियारा है,
मथुरा गोकुल की गलियों में बहती प्रेम की धारा है,
देवकी मंद मंद मुसकाये कन्हैया आने वाले हैं।
धरती झूम झूम कर गाये कन्हैया आने वाले हैं।
कारागार के द्वार खुल गए मोहन प्यारे जब आये,
जमुना जल की लहरें उठती है बदरा पग छूने आये,
यशोदा द्वार नैन अटकाए कन्हैया आने वाले हैं।
धरती झूम झूम कर गाये कन्हैया आने वाले हैं।
नन्द गावँ की गलियां महकी बन बन कलियाँ फूल खिले,
मस्त पवन अठखेली करती पुष्प लताएँ वृक्ष हिले,
चुनरिया सर सर सर लहराये कन्हैया आने वाले हैं।
धरती झूम झूम कर गाये कन्हैया आने वाले हैं।
धरती पाप में डूबी थी तब मोहन ने अवतार लिया,
नास किया हर पापी को सुख सुविधा का उपहार दिया,
पाप अब फिर से हैं गहराए कन्हैया आने वाले हैं।
धरती झूम झूम कर गाये कन्हैया आने वाले हैं।
भारत में फिर उथल पुथल है हे गिरधारी आ जाओ,
पग पग रावन कंस खड़े हैं उनसे मुक्ति दिला जाओ,
सारा जग है आस लगाये कन्हैया आने वाले हैं।
धरती झूम झूम कर गाये कन्हैया आने वाले हैं।
जमुना जी का जल बल खाये कन्हैया आने वाले है।

मेहदी अब्बास रिज़वी
” मेहदी हल्लौरी “