Home  राज्य  उत्तरप्रदेश  लखनऊ  गायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत में 330वां युगऋषि सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य की स्थापना
गायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत में 330वां युगऋषि सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य की स्थापना
Dec 15, 2019Comments Off on गायत्री ज्ञान मंदिर का ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत में 330वां युगऋषि सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य की स्थापना
रिपोर्ट : रूचि शर्मा , रीडर टाइम्स
                                       
                            
                                                                   
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 उपरोक्त यह वाङ्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, गायत्री ज्ञान मंदिर इन्दिरा नगर के सक्रिय कार्यकर्ता श्रीमती कुसुम श्रीवास्तव ने अपने माता-पिता (स्व. लक्ष्मी श्रीवास्तव एवं बृज बहादुर श्रीवास्तव) की स्मृति में संस्थान के पुस्तकालय को तथा सभी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं को ‘‘युग निर्माण योजना’’ पत्रिका भेंट की गयी।
 उपरोक्त यह वाङ्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, गायत्री ज्ञान मंदिर इन्दिरा नगर के सक्रिय कार्यकर्ता श्रीमती कुसुम श्रीवास्तव ने अपने माता-पिता (स्व. लक्ष्मी श्रीवास्तव एवं बृज बहादुर श्रीवास्तव) की स्मृति में संस्थान के पुस्तकालय को तथा सभी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं को ‘‘युग निर्माण योजना’’ पत्रिका भेंट की गयी। इस अवसर पर उनके पति श्री नवीन चन्द्र श्रीवास्तव भी मौजूद थे।इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा वाङ्मय साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्ञानयज्ञ ही इस युग का युगधर्म है, इसमें सभी को भागीदारी करना चाहिये।
 इस अवसर पर उनके पति श्री नवीन चन्द्र श्रीवास्तव भी मौजूद थे।इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा वाङ्मय साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्ञानयज्ञ ही इस युग का युगधर्म है, इसमें सभी को भागीदारी करना चाहिये। इस अवसर पर डॉ.नरेन्द्र देव छात्र-छात्राओं को निरोगी जीवन के ऋषि सूत्र दिये एवं श्रीमती कुसुम श्रीवास्वत, संस्थान के निदेशक श्री ए.के. बधावन ने भी अपने विचार रखे तथा प्रधानाचार्या श्रीमती नीता सहगल ने धन्यवाद व्यक्त किया।
इस अवसर पर डॉ.नरेन्द्र देव छात्र-छात्राओं को निरोगी जीवन के ऋषि सूत्र दिये एवं श्रीमती कुसुम श्रीवास्वत, संस्थान के निदेशक श्री ए.के. बधावन ने भी अपने विचार रखे तथा प्रधानाचार्या श्रीमती नीता सहगल ने धन्यवाद व्यक्त किया। इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा, डॉ. नरेन्द्र देव, अनिल भटनागर, श्रीमती कुसुम श्रीवास्तव,श्री नवीन चन्द्र श्रीवास्तव, संस्थान के निदेशक श्री ए.के. बधावन, श्री सिद्वान्त बधावन, श्रीमती सीमा बधावन, संस्थान की प्रधानाचार्या श्रीमती नीता सहगल के साथ सहित शिक्षक-शिक्षिकायें एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थे।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा, डॉ. नरेन्द्र देव, अनिल भटनागर, श्रीमती कुसुम श्रीवास्तव,श्री नवीन चन्द्र श्रीवास्तव, संस्थान के निदेशक श्री ए.के. बधावन, श्री सिद्वान्त बधावन, श्रीमती सीमा बधावन, संस्थान की प्रधानाचार्या श्रीमती नीता सहगल के साथ सहित शिक्षक-शिक्षिकायें एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थे।




