लिव-इन रिलेशनशिप को आसान कैसे बनाएं?

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
लिव-इन रिलेशनशिप में रहना बहुत से लोगों को बहुत आसान लगता है। लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो जानते हैं कि लिव इन रिलेशनशिप में कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आज के समय में लिव – इन रिलेशनशिप में रहना आम बात हो गई है। पहले हमारे समाज में लिव – इन रिलेशनशिप को अच्छा नहीं समझा जाता था। हालांकि, आज भी बहुत कुछ बदला नहीं है बावजूद इसके आज के समय में थोड़े हालत बदल गए हैं।

बहुत से लोगों को लगता है। कि लिव – इन रिलेशनशिप में रहना काफी मजेदार होता है। लेकिन सच तो ये है , कि लिव – इन रिलेशनशिप में रहना किसी भी व्यक्ति के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। कि आपके पार्टनर का घर पर बर्ताव कैसा होता है। उनका स्वभाव कैसा है, उनकी क्या – क्या आदतें हैं, वे किस तरफ सोना पसंद करते हैं, ऐसी कई प्रकार की चीजें हैं जो किसी के साथ रहने पर ही पता चल पाती हैं।

लिव – इन रिलेशनशिप अक्सर इस बात का टेस्ट ड्राइव होता है कि वास्तविक विवाह क्या हो सकता है। और फिर कई लोग, रहने वाले रिश्ते के अपने अनुभव के आधार पर रहने या अलग होने का विकल्प चुनते हैं। यह डरावना लग सकता है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। यहां बताया गया है। कि आप अपने लिव – इन रिलेशनशिप को कैसे आसान और सार्थक बना सकते हैं।

लिव – इन रिलेशनशिप में फाइनेंशियल जिम्मेदारी :- लिविंग रिलेशनशिप में अगर आप रह रहे हैं। तो आपको घर के सभी बिलों का भुगतान करना होगा , उपयोगिताओं के लिए भुगतान करना होगा और अपने घर के लिए भी एक साथ भोग देना होगा। यानी आपको फाइनेंशियल प्लानिंग की बहुत जरूरत होती है। किसी भी अजीब बातचीत या गलत अनुमानों से बचने के लिए, शुरू से ही वित्तीय स्थिति का स्पष्ट विचार रखें। आपको अपनी अपनी जिम्मेदारी का पता होना चाहिए । आपको अगर लगता है। कि आप दोनों 50-50 प्रतिशत के आधार पर घर का फाइनेंशियल खर्च उठा सकते हैं। तो आपको ऐसा ही करना चाहिए । पैसों के मामलों पर स्पष्ट सहमति सर्वोपरि है।

लिव-इन रिलेशनशिप में काम बांटना :- वित्त की तरह ही, घर का काम भी बहुत महत्वपूर्ण है। जो दोनों पार्टनर को मिलकर देखना है। शुरू से ही, आप दोनों द्वारा साझा किए जाने वाले रहने की जगह के रखरखाव के लिए कार्यों का आवंटन करें। अगर आप शुरुआत से ही अपने कामों को बांट लेंगे तो भविष्य के लिए ये बहुत बेहतर होगा। इससे आप दोनों पर ही जिम्मेदारी रहेगी।

लिव-इन रिलेशनशिप में सीमाएं कैसे तय करें :- अलग – अलग लोगों को अलग-अलग चीज़ों की ज़रूरत होती है। कुछ लोग लंबे दिन के बाद लंबी बातचीत के बाद तरोताजा होना पसंद करते हैं, तो कुछ ऐसा नहीं मानते। आप दोनों को ही मिलकर कई तरह की सीमाएं तय करनी होंगी। आप दोनों एक दूसरे को कितना समय देते हो ये तय करना होगा। लिव – इन रिलेशनशिप में रहने का मतलब है। कि लोग चाहते हैं। कि वह एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिता सकें। ऐसी स्थिति में आपको मिलकर तय करना है। कि आपको कब तक जागना है, कब उठना है। आपको इस काम में एक दूसरे का समर्थन करने की जरूरत होती है। जैसे कि अगर कोई चाहता है कि घर में आज बाहर से खाना आएगा और दूसरा चाहता है कि घर में ही खाना बने, तो ऐसी स्थिति में आप में से एक को पीछे हटना होगा। आप दोनों ही एक जिद्द लेकर नहीं बैठ सकते हैं।

एक साथ रहने के अपने कारणों को जानें :- अपने रिश्ते के इस अगले चरण में, जानें और याद रखें कि आपने लिव इन रिलेशनशिप में क्यों रहने का फैसला लिया है। क्या आप दोनों शादी करने की सोच रहे हैं? यदि हां, तो आप दोनों की शादी से पहले अधिकतम सीमा निर्धारित करना बुद्धिमानी है। कारण जो भी हो, यह सबसे अच्छा है यदि दोनों साथी एक ही पृष्ठ पर हैं।