Home मनोरंजन ग़ज़ल……… हसरते दिल है कोई आये मुझे प्यार करे
ग़ज़ल……… हसरते दिल है कोई आये मुझे प्यार करे
Aug 07, 2018

हसरते दिल है कोई आये मुझे प्यार करे,
डाल कर नज़रें मेरी आँखों में इज़हार करे।
कोई मौसम हो फ़ज़ा कैसी हवा कैसी हो,
हिज्र की बात न हो वस्ल का इसरार करे।
लाख समझाए कोई आके मोहब्बत से मगर,
उस की बातें न सुने सुन ले तो इंकार करे।

इश्क़ आसान नहीं यह तो वही करता है,
जिस्म दिल ज़हन को जो बरसरे पैकार करे।
ज़ेहन की बज़्म में हो नग़मा सराई की महक,
ख़्वाब में आये तो पाज़ेब की झंकार करे।
मैं ने महबूब से बस इतना ही तो चाहा है,
कोई हसरत हो अगर नीद में, बेदार करे।

गर जुदा हो तो जुदाई को न महसूस करें,
इल्तिजा ही है मगर खुल के वो इक़रार करे।
आ के खिड़की पे कभी चाँद दिखा दे चेहरा,
बाद को पर्दा वो इक बार या सौ बार करे।
मेरा ‘ मेहदी ‘ तो ख़्यालात का सौदागर है,
राहे उल्फ़त से कहाँ दिल को वो बेज़ार करे।
मेहदी अब्बास रिज़वी
” मेहदी हललौरी “