पेट्रोल-डीजल पर वैट दरों में कटौती करने का मन बना सकती है सरकार, 5 राज्यों के वित्त मंत्रियों की ख़ास बैठक

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नई दिल्ली :-पेट्रोल-डीजल की कीमतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट दरों में कटौती करने का मन बना लिया है और इसका घोषणा मंगलवार को हो सकती है। पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों पर चंडीगढ़ में उत्तर भारत के पांच राज्यों के वित्त मंत्रियों और अधिकारियों की मंथन बैठक शुरू हो चुकी है।

 

 

बैठक में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिशोदिया के अलावा उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के वित्त विभाग एवं कराधान विभाग के अधिकारी भी मौजूद हैं।

 

 

बताया जा रहा है कि अगर फैसला लिया गया तो यह कटौती 3-4 फीसद तक हो सकती है, जिससे पेट्रोल-़डीजल के दाम डेढ़ से दो रुपये प्रति लीटर तक कम होंगे। दिल्ली वित्त विभाग के एक अधिकारी की मानें तो इस बारे में तकरीबन सहमति बन चुकी है। सबकुछ ठीक रहा तो मंगलवार को वैट कटौती का एलान हो सकता है और इसी के साथ पेट्रोल-डीजल के दाम कुछ कम हो जाएंगे।

 

 

पेट्रोल-डीजल के दाम आज फिर बढ़ें. पेट्रोल 11 पैसे और डीजल 5 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ | आज की बढ़ोतरी के बाद मुंबई में पहली बार पेट्रोल का दाम 90 रुपये पार कर गया | वैसे पिछले क़रीब एक हफ़्ते से महाराष्ट्र के कई शहरों में पेट्रोल 90 रुपये प्रति लीटर के पार हो गया है | यहां के कुछ शहरों में तो पेट्रोल 93 रुपये लीटर बिक रहा है |

 

 

वहीं, मुंबई में पेट्रोल 90.08 रुपये प्रति लीटर, जबकि डीजल 78.58 रुपये प्रति लीटर था। इसके अलावा कोलकाता में पेट्रोल 84.54 रुपये प्रति लीटर और डीजल 75.87 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिका था, जबकि चेन्नई में पेट्रोल 85.99 रुपये प्रति लीटर और डीजल 78.26 रुपये प्रति लीटर बिका था।

 

 

बता दें कि 1 अगस्त से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का यह सिलसिला शुरू हुआ है। उसके बाद से रोजाना इसके दाम बढ़ते जा रहे हैं। इतने दिनों में महज 2-4 दिन ही ऐसे हैं जब तेल की कीमतें नहीं बढ़ी हैं।

 

 

जनता सरकार से तेल की कीमतों पर राहत देने के लिए लगातार विरोध कर रही है, लेकिन सरकार की तरफ से फिलहाल इसपर राहत देने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। तेल की कीमतों में होने वाली इस बढ़त के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर के मुकाबले रुपये का कमजोर होना एक प्रमुख वजह है।