Home  Breaking News  दिवाली के अवसर पर पटाखा बैन पे SC ने टाला अपना फैसला, कहा 8 से 10 बजे तक जला सकेंगे पटाखे 
                               दिवाली के अवसर पर पटाखा बैन पे SC ने टाला अपना फैसला, कहा 8 से 10 बजे तक जला सकेंगे पटाखे
                                Oct 23, 2018
                                                                
                               
                               
                                
नई दिल्ली :- सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगाने से साफ इनकार कर दिया है। मंगलवार को SC ने अपने फैसले में कहा कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने ई-कॉमर्स पोर्टल्स को पटाखे बेचने से रोक दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों को केवल लाइसेंस पाए ट्रेडर्स ही बेच सकते हैं। आपको बता दें कि वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए देशभर में पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस पर अहम फैसला दिया। कोर्ट ने कम आवाज वाले पटाखे जलाने का आदेश दिया है ताकि प्रदूषण से मुक्ति मिल सके।
 
 
इससे पहले पिछले साल कोर्ट ने प्रदूषण के मद्देनजर दिवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी | दिवाली से ठीक पहले 9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध लगाते हुए अपने आदेश में यह भी कहा था कि कुछ शर्तों के साथ पटाखों की बिक्री एक नवंबर, 2017 यानी दिवाली गुजर जाने के बाद फिर से की जा सकेगी |
 
 
2016 में दीवाली के बाद बढ़े प्रदूषण के मुद्दे पर दाखिल एक याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में दिल्ली-एनसीआर में पटाखे की बिक्री पर बैन लगा दिया था | हालांकि 12 सितंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर पाबंदी वाले आदेश में संशोधन कर दिया और कुछ शर्तों के साथ पटाखा विक्रेताओं के अस्थायी लाइसेंस की संख्या में 50 फीसदी कटौती करने का आदेश दिया था |
 
 
साथ ही कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में दूसरे राज्यों से पटाखे लाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था | लेकिन सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले ने एक बार फिर नवंबर 2016 के पुराने आदेश को बहाल करते हुए दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दे दिया था |
 
 
पटाखा बिक्री पर रोक न लगे, इसके लिए पटाखा उत्पादक और विक्रेता भी सुप्रीम कोर्ट गए हुए थे। उन्होंने कोर्ट से कहा है कि पिछले साल दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री रोक लगा दी गई थी। इससे लाखों लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ, लेकिन प्रदूषण के लिए पटाखों से ज्यादा कई अन्य चीजें जिम्मेदार हैं। इस मामले में सोमवार को फैसला सुनाया जाना था, जिसका इंतजार पटाखा उत्पादक और विक्रेता बेसब्री से कर रहे थे, लेकिन यह इंतजार अब एक दिन के लिए और बढ़ गया है।
 
 
पटाखा डीलर एसोसिएशन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सचिव अतुल चौकड़ायत ने कहा कि इस मामले में सोमवार को न्यायालय ने फैसला सुनाने से इंकार करते हुए अब फैसले के लिए मंगलवार की तारीख लगाई है। मंगलवार को ही न्यायालय का फैसला आएगा। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हालांकि अभी तक पटाखों की बिक्री पर न्यायालय ने कोई रोक नहीं लगाई है और जो लाइसेंसधारक हैं वह पटाखों की बिक्री कर सकते हैं। लेकिन कहीं दोबारा न्यायालय के आदेश से बिक्री को रोक न दिया जाए, इस डर से अधिकांश डीलरों ने अभी तक पटाखों का स्टॉक नहीं लिया है और न ही अभी तक इनकी बिक्री प्रारंभ हो सकी है, जबकि दो साल पहले तक इस समय तक काफी व्यापार हो जाता था।
 
 
सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले पटाखों के उत्पादन एवं बिक्री की अनुमति दी है, जिनसे देशभर में कम उत्सर्जन होगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन बाद ही दिवाली का त्योहार है। दिवाली पर पटाखे फोड़ने के लिए कोर्ट ने टाइम भी तय किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिवाली पर शाम 8 से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे।
 
 
इससे पहले मामले में 28 अगस्त को जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि प्रतिबंध से जुड़ी याचिका पर विचार करते समय पटाखा उत्पादकों की आजीविका के मौलिक अधिकार और देश के 1.3 अरब लोगों के स्वास्थ्य अधिकार समेत विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखना होगा।