आदिवासियों ने की अमेरिकी युवक की हत्या और फिर रेत में दफनाया

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अंडमान :- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के घने जंगलों में एक अमेरिकी टूरिस्ट की वहां के आदिवासियों ने हत्या कर दी। निकोबार के सेंटिनेल द्वीप में घुसने की मनाही के बावजूद यह पर्यटक मछुआरों की मदद से वहां जा घुसा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक आदिवासियों ने टूरिस्ट पर तीरों से हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई। बता दें कि अंडमान निकोबार के सुदूर सेंटिनल द्वीप पर आदिवासियों का यह बेहद विलुप्तप्राय समुदाय रहता है। इस समूह से मिलने की इजाजत किसी को नहीं है। पुलिस ने इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।

 

 

दीपक यादव का कहना है की चाऊ जंगल में अंदर गया, चाऊ खुद को मछुआरों के भेष में छिपाना चाह रहा था | लेकिन जब वो और भीतर गया तब मछुआरे उनसे कुछ दूरी पर ही रहे | कुछ ही देर बाद एक मछुआरे ने उसके शव को देखा, जिसे आदिवासी दफना रहे थे | चाऊ की हत्या तीर से की गई थी | लेकिन उसके शव को वापस नहीं लाया जा सका |

 

 

मछुआरो ने कहा कि इस द्वीप में जाने पर प्रतिबंध है | लिहाजा उनके शव का पता लगाने और स्थिति का जायजा हवाई मार्ग से लिया जा रहा है | यह सात मछुआरे इस घटना के गवाह हैं और इन्होंने ही घटना के बाद मुख्य द्वीर पर जाकर चाऊ के दोस्त को इस बारे में सूचित किया और उन्होंने उसके परिवार वालों को सूचना दी, मछुआरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया गया है, क्योंकि उन्होंने अमेरिकी नागरिक को प्रतिबंधित द्वीप पर जाने में मदद की थी |

 

 

गौरतलब है कि हाल तक उत्तरी सेंटीनल द्वीप पर बाहरी लोगों का जाना मना था | इस साल एक बड़ा कदम उठाते हुये सरकार ने संघ शासित इलाकों में इस द्वीप सहित 28 अन्य द्वीपों को 31 दिसम्बर, 2022 तक प्रतिबंधित क्षेत्र आज्ञापत्र (आरएपी) की सूची से बाहर कर दिया था | आरएपी को हटाने का आशय यह हुआ कि विदेशी लोग सरकार की अनुमति के बिना इन द्वीपों पर जा सकेंगे |

 

 

सीआईडी के एसपी दीपक यादव के मुताबिक यह आदिवासी समूह संवेदनशील हैं और इस इलाके में 60,000 साल से रह रहे हैं | इनसे संपर्क नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह संरक्षित समूह बाहरी दुनिया से संपर्क में आने पर रोग की चपेट में आ सकता है | उन्होंने कहा कि कोस्ट गार्ड और नौसेना लगातार इस इलाके में पेट्रोलिंग के जरिए लोगों को प्रवेश से रोकती है |

 

 

सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी नागरिक जॉन एलन चाऊ एक ईसाई मिशनरी से जुड़ा था और वो इन आदिवासियों को कनवर्ट करने के साथ एडवेंचर करना चाहता था | यह पहली बार नहीं है जब इन आदिवासियों किसी की हत्या की है, इससे पहले 2006 में इस आदिवासी समूह ने दो मछुआरों की हत्या कर दी थी |