Home Breaking News जिले में विवाह कार्यक्रमों हेतु संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा दी जायेगी अनुमति–जिला मजिस्ट्रेट
जिले में विवाह कार्यक्रमों हेतु संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा दी जायेगी अनुमति–जिला मजिस्ट्रेट
Apr 30, 2020

रिपोर्ट :-ब्यूरो हेड(राहुल भारद्वाज)
दौसा :- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड -19 कोराना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित किया गया हैं। भारत सरकार द्वारा यह आपदा घोषित हो चुकी हैं। कोराना वायरस का फैलाव श्रृंखलाबद्ध रूप से त्वरित होता है। इसलिये भारत सरकार द्वारा 3 मई 2020 तक सम्पूर्ण लॉक डाउन घोषित किया गया हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के मध्यनजर जिले में लागू 144 एवं लॉक डाउन प्रभावी होने से सभी प्रकार के सामाजिक , राजनैतिक,धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक हैं।
जिला मजिस्ट्रेट अविचल चतुवेदी ने बताया जिले में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस आने से दौसा जिला कोरोना संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र बन गया हैं। ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये जिले में होने वाले विवाह कार्यक्रमों हेतु जारी किये गये नियमों की पालना करते हुये संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा अनुमति प्रदान की जा सकती हैं।
उन्होंने बताया कि विवाह कार्यक्रम में वर – वधु एवं उनके माता-पिता ( अधिकतम छः लोग ) के अलावा अन्य कोई व्यक्ति अनुमत नही रहेगा। जिले के बाहर अन्य जिलों, राज्यों में बारात का आना- जाना अनुमत नही रहेगा। अनुमति जारी करते समय संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चत करना होगा कि मामला बाल विवाह का तो नही हैं। उन्होंने बताया कि अनुमति पत्र में विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले व्यक्तियों( अधिकतम छः लोग ) नाम ,पते, आयु, मोबाइल नम्बर सम्बन्ध एवं विवाह स्थल की सूचना अंकित किया जाना अनिवार्य होगा। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु जारी गाईड लाईन ( स्वच्छता एवं सामाजिक दूरी ) की पालना करना अनिवार्य होगा। यह भी सुनिश्चित किया जावे कि जिले में कोई भी बाल विवाह सम्पन्न नही हो,
उन्होंने बताया कि विवाह के दिन संबंधित थानाधिकारी विवाह घर की वीजिट करेगा एवं संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को फोटो भेजगा। ग्राम स्तरीय कोर कमेटी एवं आंगनवाडी कार्यकर्ता,सहायिका, उस स्थान समस्त सरकारी कार्मिक, सरपंच और अधिसर्त रहकर प्रशासन का सहायोग करेंगे। सूचना नही देने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि यदि 06 से अधिक व्यक्ति, हलवाई, पण्डित या टैण्ट भाग नही लेता है, यह भी उतना ही जिम्मेदार होगा तथा हलवाई एवं टैण्ट वाले का सामान जब्त किया जाकर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अगर बिना अनुमति एवं अनुमत संख्या से अधिक व्यक्ति किसी वाहन में पाये जाने है तो उस वाहन की वाहन पंजीयन पत्र ( आर.सी. ) उक्त होगी एवं ड्राईवर का लाईसेन्स निरस्त किया जायेगा और वाहन को भी जब्त किया जायेगा।
उन्होंने निर्देश दिये है कि किसी भी दिशा -निर्देशों के उल्लंघन पर तत्काल प्रभाव अनुमति निरस्त की जाकर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188,आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं The Rajasthan epidemic disease act 1957 ए की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही की जावेगी तथा बाल विवाह विरूद्ध विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के दण्डात्मक प्रावधानों के तहत भी कार्यवाही की जावेगी।