लॉकडाउन मे खाद्य सामग्री के लिए दर दर भटक रही 3बच्चों की मॉ,सरकार के कोई भूखे न सोए के दावे हो रहे फैल

                                             राशनकार्ड से राशन सामग्री नहीं मिलने पर भटक रही महिला

                    राज्य सरकार का दावा: लॉकडाउन मे कोई नहीं रहेगा भूखा की नहीं हो रही कोई अनुपालना

रिपोर्ट :-संवाददाता(राकेश शर्मा)
लालसोट :- लॉकडाउन मे खाद्यसामग्री के लिए 3 बच्चों की मां दर दर भटक रही है व इन्हें कोई खाद्यसामग्री नही मिल रही है ।राज्य सरकार के आदेश जिसके अंतर्गत लॉकडाउन के दौरान नहीं रहेगा कोई भूखा की कोई अनुपालना होती हुई नही दिखाई दे रही है । ऐसा ही एक मामला सामने आया है लालसोट नगरपालिका क्षेत्र की निवासी एक गरीब परिवार की असहाय अबला नारी का जिसे राशन नही मिल पा रहा है।जहां एक ओर राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार महिलाओं को बढावा दे रही है व लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने के बड़े बड़े दावे कर रही है वही दूसरी ओर अपने तीन बच्चों को खाना खिलाने के लिए व खाद्यसामग्री के लिए दर दर भटक कर राशन सामग्री दिलाने की गुहार कर रहे है। लालसोट नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड नं 24 मे रहनेवाली संतोषी शर्मा ने शनिवार को अपने एवं अपने ननद के बच्चों की पेट की भूख शांत करने के लिए अपने राशनकार्ड से राशन सामग्री नहीं मिलने से परेशान होकर झरण्डा चौक पर रो रोकर अपनी आपबीती सुनाई कि संतोषी का पति पागल है एवं उसकी ननद का पती की मौत हो जाने के बाद से ननद अपने बच्चों के साथ रह रही है ।संतोषी के 3 बच्चे एवं ननद के दो बच्चों सहित ननद भौजाई के पेट पालन मे कठिनाइयों का सामना कर पड रहा है।लॉकडाउन से पूर्व झाडू पौछा कर संतोषी अपने परिवार का लालनपालन अच्छे से कर रही थी पर कोरोनो वायरस संक्रमण की चैन तोडऩे के लिए राज्य सरकार द्वारा लगाये गये लॉकडाउन मे बच्चों के पेट की भूख शांत करने के लिए उस पर मुसीबतों का पहाड टुट गया है।लॉकडाउन के शुरूआती दौर में महिला को नगरपालिका लालसोट के द्वारा खाद्यसामग्री उपलब्ध हो गई थी परन्तु अब संतोषी अपने राशनकार्ड से मिलने वाली राशन सामग्री के लिए दर दर की ठोकरे खाकर थक गई ।उसे राशन डीलर द्वारा राशन सामग्री नहीं मिलने एवं घर खर्च के लिए आर्थिक कमी के चलते संतोषी देवी पर दुखों का पहाड टुट गया वहीं संतोषी देवी की दयनीय हालत देखकर हमारे रीडर टाइम्स सवांददाता राकेश शर्मा ने भामाशाह सोनू बिनोरी के द्वारा 2000 रुपये नगद राशि एवं खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई पर अब सवाल यह खडा होता हैं कि एक ओर राज्य सरकार बडे बडे दावे कर रही हैं कि लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा नहीं रहेगा तो क्या ये दावे कागजों मे सिमटकर ही तो नहीं रह गये है।क्या कभी राज्य सरकार के नुमाइंदों ने धरातल पर उतरकर गरीब एवं असहाय लोगों की पीड़ाएं सुनी है और सुनी भी तो राज्य सरकार के द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ संतोषी देवी जैसे परिवारों को क्यों नहीं मिला है? क्या राज्य सरकार एवं राज्य सरकार के नुमाइंदों के पास है संतोषी देवी जैसे बहुत से परिवारों का प्रमाण या फिर सिर्फ राज्य सरकार के बडे बडे दावे सिर्फ वाहवाही बटोरने के लिए ही बनाए गए है।वहीं संतोषी देवी ने अपने परिवार के लालनपालन के लिए एक प्रार्थना पत्र उपखण्ड अधिकारी एसडीएम के नाम भी लिखकर राशन सामग्री दिलवाने की मांग की है।