‘कोरोना वारियर्स के जज्बे की बदौलत मरीजों ने जीती जंग,

ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज

रीडर टाइम्स

सीमावर्ती जिला डूंगरपुर ने कोरोना को सीमाओं में बांधा

अन्य देशों एवं राज्यों से लाखों लोगों के आने पर भी मुस्तैद है डूंगरपुर

चौथी बार हो रही है रि स्क्रीनिंग, बारह लाख से अधिक घरों का हुआ सर्वे

जयपुर: राजस्थान राज्य सरकार के कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए किये जा रहें अथक प्रयासों के मार्गदर्शन एवं निर्देशानुसार डूंगरपुर जिला प्रशासन तथा समस्त कोरोना वारियर्स के ज़ज्बें की बदौलत जिले में पांच पोजेटिव मरीजों की तीसरी रिपोर्ट भी निगेटीव आने के बाद जब उन्हें डिस्चार्ज किया गया तो ऎसा लगा जैसे समूचे जिले ने किसी जंग के जितने की खुशी को महसूस किया हो।राजस्थान के दक्षिण में स्थित जनजाति बाहुल्य डूंगरपुर जिला कोरोना महामारी कोविड-19 की चुनौती से लड़ने के लिए एक यौद्धा की तरह कटिबद्ध है, यहीं कारण है कि गुजरात राज्य का सीमावर्ती जिला होने तथा अन्य देशों एवं राज्यों में रोजगाररत लाखों लोगों विशेषकर श्रमिकों के घर लौट आने के बाद भी कोरोना वारियर्स के ज़ज़्बे की बदौलत कोरोना वायरस कोविड-19 को अब तक सीमाओं में बांधने में सफल हो सका है।

कोरोना से जीती जंग

डूंगरपुर जिला कलक्टर कानाराम ने बताया कि जिले में चार मरीज गांव पारड़ा सोलंकी तहसील आसपुर एवं एक मरीज सीमलवाड़ा क्षेत्र का रहने वाला है । इनमें से चार लोग इंदौर तथा एक गुजरात से आया था। कड़ी चौकसी के कारण तत्काल ही स्क्रीनिंग एवं क्वारेंटाइन करने से     कोरोना संक्रमण का फैलाव न हो सका। उपचार के बाद इन पांचों मरीजों की तीन लगातार रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद इन्हें घर के लिए डिस्चार्ज कर दिया गया है। साथ ही इन सभी को 14 दिनो तक होम क्वारेंटाईन रहने एवं अन्य महत्वपूर्ण दिशा निर्देश भी दिये गये हैं। इस दौरान उनको घर के अन्य लोगों से भी सामाजिक दूरी बनाये रखने की सलाह दी गयी । इसके साथ ही चिकित्सकों द्वारा इनकी सतत प्रभावी मॉनिटरिंग भी की जा रही है। वर्तमान में बार्डर खुलने के बाद चार अन्य गुजरात से आये प्रवासी कोरोना संक्रमित पाये गये हैं, जो उपचाररत है।

पूर्व से ही प्रशासन हो गया सज़ग

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मार्गदर्शन में डूंगरपुर प्रशासन के द्वारा तत्परता से कारगर कदम उठाना प्रारंभ कर दिया। जिला प्रशासन गुजरात राज्य से सीमावर्ती जिला होने तथा यहां के अधिकांश लोगों के रोजगार हेतु अन्य राज्यों एवं देशों विशेषकर गुजरात एवं महाराष्ट्र तथा कुवैत एवं खाड़ी देशों में कार्यरत होने की स्थिति को देखते हुए पूर्व से ही सर्तक हो गया। 4 मार्च से ही रेपिड रिस्पोन्स टीम गठित कर अलर्ट करने, जागरूकता प्रचार करने, विदेश से आने वाले यात्री की मॉनिटरिंग करने, सर्दी, खांसी एवं बुखार के मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री लेने तथा संदिग्ध रोगी होने पर आइसोलेट करने, कंट्रोल रूम स्थापित करने, क्वारेंटाईन सेंटर बनाने, सर्दी, खांसी एवं बुखार के मरीजो के लिये अलग से ओपीडी शुरू करने, पर्यटकों एवं होटलों, आवास गृहों, निजी चिकित्सालयों की भी प्रभावी मॉनिटरिंग करने, बडे चिकित्सालयों में अलग ओपीडी एवं आईसोलेशन वार्ड बनाने, ग्राम स्तर पर निगरानी कमेटियां बनाने, गांव-गांव सेनेटाईज करने, स्वैच्छिक रूप से स्वयं सेवक के रूप में सेवा देने वालों को चिन्हित करने, प्रचार सामग्री से डिस्प्ले करने, विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त ट्रेवल एडवाईजरी, हैल्थ केयर फेसिलिटी में इन्फेक्शन, प्रिवेंन्शन एवं कंट्रोल, सैम्पल कलेक्शन एवं ट्रांसपोर्टेशन, क्लिनिकल केस मैनेजमेंट, डिस्चार्ज पॉलिसी, कन्टेनमेंट प्लान तथा डिसइन्फेक्शन पॉलिसी आदि दिशा निर्देशों पर प्रभावी एवं कारगर कार्यवाही शुरू कर दी। समय पर किये गये इन कार्यो का परिणाम रहा कि जिला इस वायरस संक्रमण के रोकथाम को लेकर पूरी तरह सजग हो गया।

बोर्डर पर चाक चौकबंद व्यवस्थाएं

जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने रेपिड एक्शन मोड पर कार्य करते हुए अन्तर्राज्जीय तीन एवं अन्तर जिला चार चैक पोस्ट स्थापित किये।  इन चैकपोस्टों पर 22 मार्च से लेकर 3 अप्रेल तक 52 हजार 783 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई। बोर्डर पर आये माईग्रेंट हेतु स्वामी विवेकानंद मॉडल विद्यालय, टीएडी छात्रावास बिछीवाड़ा, टीएडी छात्रावास छापी, राजकीय प्रवेशिका माध्यमिक विद्यालय चिखली में राहत शिविर लगाये गयें। इन शिविरों में सभी प्रकार की आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई। लॉक डाउन 2 चरण के पश्चात पुनः प्रवासी-श्रमिकों के आने के क्रम में अब तक कुल 81 हजार 679 लोग जिले की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं। प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी से बोर्डर पर स्क्रीनिंग हेतु 24 घण्टे 50 चिकित्सकों एवं 200 चिकित्साकर्मियों की तीन पारियों में अलग-अलग दल एवं प्रभारी अधिकारियों को नियुक्ति किया गया है। बोर्डर पर सेनेटाईज करने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने के साथ समय-समय पर अल्पाहार, भोजन आदि की तमाम व्यवस्थाओं को प्रशासन के द्वारा पूरी मुस्तैदी से दिन-रात एक कर इंतजाम किये गये। यहां तक की प्रशासन ने बोर्डर पर आने वाले वाहनों को भी नगरपरिषद् डूंगरपुर के सहयोग से सेनेटाईज करने की व्यवस्थाओं को अंजाम दिया।

ग्राम स्तर पर बनाई है निगरानी कमेटियां

प्रशासन ने नवाचार करते हुए ग्राम स्तरों पर निगरानी कमेटियां बनाई है जिसमें राजकीय कर्मचारियों के अलावा, नेहरू युवा केन्द्र सदस्य, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, जनप्रतिनिधि एवं युवाओं को सम्मिलित किया गया है। इन कमेटियों के माध्यम से पहाडी रास्तों से गांवों में पहुंचने वाले लोगों पर भी प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है जिससे कुछ ऎसे लोग जो कच्चे रास्तों से सीधे घर पहुंचने का प्रयास कर रहें है, उन्हें भी ग्राम निगरानी कमेटियों की मुस्तैदी से रजिस्ट्रेशन एवं स्क्रीनिंग के बाद ही होम क्वारेंटाईन किया जा रहा है तथा जिसमें लक्षण पाये जा रहें हैं उन्हें सीधे क्वारेंटाईन सेंटर भेजा जा रहा है। इसके साथ ही होम क्वारेंटाईन लोगों को घर-घर जाकर एक फॉर्म भरवाकर होम क्वारेंटाईन के समस्त निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने हेतु पाबंद किया जा रहा है। बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के मोबाईल में एप भी डाउनलोड किया जा रहा है जिससे उसके घर से बाहर आते ही खुद ब खुद सूचना आईटी के माध्यम से प्रशासन को मिल जाती है।

रेपिड एक्शन मोड पर है चिकित्सा विभाग

प्रारंभ से ही मुस्तैद प्रशासन ने रेपिड एक्शन मोड पर कार्य करना शुरू कर दिया। जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव की रोकथाम एवं बचाव के लिए कुल एक हजार 186 रेपिड रेस्पोंस टीमों का गठन कर अब तक 16 लाख 14 हजार 784 लोगों की स्क्रीनिंग व चौथी बार पूरे जिले में 573440 व्यक्तियों की रि स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जिले में अब तक 1447 सैंपल टेस्ट के लिए भेजे जा चुकें हैं, इसमें से 1340 सैंपलों की जांच पूरी हो चुकी है। जांच के बाद 1331 सैंपल नेगेटिव पाये गयें हैं। अभी तक जिले में कोई भी क्रिटिकल केस नही पाया गया है। साथ ही पांच पोजेटिव केस भी निगेटिव हो चुके हैं तथा चार उपचाररत है। चिकित्सा के पूरे इंतजामात करते हुए जिले में अब तक 69 स्थान क्वारेंटाईन सेंटर हेतु चिन्हित किये गये हैं, जिसमें 2704 क्वारेंटाईन बेड्स की व्यवस्था है । साथ ही 350 आईसोलेशन बेड्स एवं 11 आईसीयू बेड्स की व्यवस्था भी की गई है। प्रशासन द्वारा गर्भवती महिलाओं का सर्वे करवाते हुए उनके लिए भी माकूल प्रबंध किये जाने की दिशा में कार्य किया है । जिले में कुल 19267 गर्भवती महिलाएं है, जिन्हें चिकित्सालय तक पहुंचाने के लिए भी व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही गर्भवती महिला को सुगमता से चिकित्सालय लाने ले जाने के लिए किसी प्रकार के वाहन पास की आवश्यकता से मुक्त रखा गया है। जिला प्रशासन के द्वारा मार्च के प्रथम सप्ताह में ही कार्यवाही शुरू करते हुए एक हजार 186 स्वास्थ्य टीमों का गठन किया गया। इसके बाद इन टीमों द्वारा घर-घर स्वास्थ्य सर्वे का कार्य करते हुए अब तक 1217172 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर लिया गया है।

ड्रोन एवं पुलिस मित्र से प्रभावी मॉनिटरिंग

लॉक डाउन की पूर्ण पालना हेतु जिला पुलिस अधीक्षक श्री जय यादव के निर्देशन में पुलिस के जवानों द्वारा 24 घण्टे कड़ी निगरानी की जा रही है। लॉक डाउन का पूर्ण पालन सुनिश्चित हो इस हेतु ड्रान द्वारा निगरानी की जा रही है। बेवजह घर से बाहर वाहन में घूमने वालों पर कार्यवाही करते हुए लगभग एक हजार वाहन जब्त किये गये हैं। बाहर से आये हुए लोगों की भी प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके साथ ही वोलिन्टियर्स के रूप में लगभग पांच सौ पुलिस मित्रों की सेवाएं लेते हुए नवाचार कर प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है।

गांव-गांव हो रहा है सेनेटाईज

महामारी के नियंत्रण हेतु नगरपरिषद् एवं नगरपालिका क्षेत्रों के साथ ही गांवों में भी सेनेटाईज किया जा रहा है। प्रभावी मॉनिटरिंग एवं चिकित्सा सेवाओं हेतु कलस्टर प्रभारी एवं हर ब्लॉक पर पांच चिकित्सकों को नियुक्त किया गया है। सार्वजनिक स्थलों को विशेषकर सेनटाईज किया गया है।