दौसा की शान बन चुका दौसा की रसोई का आज है 59 वाँ दिन ,अब तक दो लाख से अधिक पैकेट बाटे गए

ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज

रीडर टाइम्स

दौसा : कोरोना नामक वैश्विक महामारी से बचाव के लिए जब लॉकडाउन की घोषणा के बाद लाखों की संख्या में लोग अपने गांवों को पलायन करने लगे थे। रेल बस आदि बंद होने के कारण हाईवे पर लाखों की संख्या में लोग पैदल ही अपने गाँव की ओर जा रहे थे। लॉक डाउन के चलते सरकार के निर्देश पर होटल ढाबों रेस्टोरेंट आदि बंद होने के कारण पैसा पास में होने के बाद भी उन लोगों को भोजन पानी आदि नहीं मिल पा रहा था। इस कारण पलायन कर रहे मजदूर वर्ग के लोगों के साथ आमजन भूख प्यास से व्याकुल थे, कुछ राहगीरों ने तो दो दो दिन से खाना नहीं खाया था तब इस संकट ऐसे दौर में अतिरिक्त जिला कलेक्टर लोकेश मीणा की प्रेरणा से दौसा निवासी मनोज राघव ने दौसा शहर के रॉयल पैलेस मैरिज गार्डन पर अपने कुछ साथियों के साथ इन जरूरतमन्द लोगों को भोजन पानी उपलब्ध कराने की मन में ठान कर सहायतार्थ एक कैंपेन शुरू किया जिसका नाम है “दौसा की रसोई”।

इसके लिए मनोज राघव ने सोशल मिडिया के माध्यम से दौसा के युवाओं और समाज सेवियों से इस कैंपेन से जुडऩे की अपील की और आज तक दौसा के लगभग 300 से अधिक समाजसेवी एवं युवा इस मुहीम के सहयोगी बने है। जिन्होंने खाद्य सामग्री, पानी की बोतल , कंबल आदि उपलब्ध करवाने में सहयोग किया और दौसा की रसोई में खाना बनाने में सहयोग किया है।शुरूआत के दस दिन 24 मार्च से 2अप्रैल तक इस रसोई में 24 घंटे पुरी सब्ज़ी बनाने का काम हुआ, इन 10 दिनों में 157 क्विंटल आटा की पुरियॉं बनाई गई जिससे लगभग एक लाख से अधिक खाने के पैकेट बनाये गये। इस दौरान खाने के पैकेट के साथ ज़रूरत अनुसार मिनरल वाटर, मास्क, साबुन, कंबल आदि भी वितरित किये गये।इसके बाद इस रसोई में 3 अप्रेल से अब तक प्रतिदिन दाल चावल चपाती पुरी सब्ज़ी आदि बनाकर खाने के पैकेट व पानी की बोटल राहगीरों को एवं शहर के अन्य जरूरतमंदो को दिए जा रहे है कोटा से उत्तर प्रदेश जाने वाले लगभग 5000 छात्रों को भी इस मुहीम ने ही खाने पैकेट के साथ ही मिनरल वाटर की बोटल उपलब्ध करवाई है।3अप्रेल से 3 मई एक माह तक दौसा की रसोई ने ज़ीरो मोबिलिटी एरिया में कार्यरत पुलिस कर्मियों व होमगार्ड को भी प्रति दिन खाने के पैकेट उपलब्ध करवाये।

शुरूआत से आज 21 मई तक लगभग 216 क्विंटल आटे की पूरी व चपाती व 45 क्विंटल चॉंवल के पैकेट बना कर बाटे जा चुके है। खाने में शुद्धता एवं गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। रसोई को प्रतिदिन सेनेटाइज किया जाता है एवं खाना बनाने वाले सभी कार्यकर्ताओं द्वारा मास्क व गलव्ज लगाकर ही खाना बनाया जा रहा है। इनके इस कार्य की शहर का हर कोई नागरिक तारीफ करते हुए नजर आ रहा है और दौसावासियो का सर गर्व से ऊंचा हो गया है।

जयपुर रेंज पुलिस महानिरीक्षक एस. सेंगाथिर, अति. जिला कलेक्टर लोकेश मीना, अति. पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह चौहान, विधिक सेवा प्राधिकरण दौसा की सचिव रेखा वधवा, दौसा उपखण्ड अधिकारी पुष्कर मित्तल, दौसा पुलिस उपाधीक्षक नरेन्द्र कुमार, कोतवाली थानाधिकारी श्रीराम मीणा सदर थानाधिकारी रवींद्र चौधरी, एवं महिला थानाधिकारी सीमा शर्मा, सेवारत चिकित्सक संघ दौसा के जिला अध्यक्ष डा. दीपक शर्मा आदि ने भी इनके इस मानव हित व जनकल्याण के कार्यो की प्रशंसा करते हुए दौसा की रसोई का अवलोकन कर इस रसोई के संस्थापक मनोज राघव व उनकी टीम के युवाओं का मनोबल बढ़ाया है।

इसके अलावा दौसा उप जिला कलेक्टर पुष्कर मित्तल ने “दौसा की रसोई” के कार्य को मानवता के उच्च मापदंडों पर खरा मानकर इन्हें प्रशंसा पत्र देकर शुभकामनाए दी है एवं लॉकडाउन की अवधि तक अपनी सेवाएँ जारी रख प्रशासन को सहयोग देने का आग्रह किया है । इसलिए आज भी यह मुहीम लगातार चल रही है। इस रसोई में संतोष जांगिड़, अनिल यादव, धर्मेन्द्र शर्मा, अश्विनी शर्मा, गंभीर सिंह, पंकज राजावत, खगेश शर्मा, दिनेश सैनी, कर्मवीर सिंह, उदित पारीक, शंकर लाल शर्मा, , रणगंभीर सिंह, शशि पारीक,लोकेश शर्मा, सागर लाभी, विशाल खंडेलवाल, घनश्याम दूसाद, अमित जायसवाल, बी एल बैरवा, जगन गिल, लिंकन आनन्द, महावीर योगी, धोलाराम मीना, प्रभू मीना नरेन्द्र बैरवा सहित अनेक स्वयंसेवक प्रतिदिन खाना बनाने यहॉ आ रहे है।

इस रसोई के बारे में जानकारी देते हुए इसके संस्थापक मनोज राघव ने कहा कि

”वह जीवन व्यर्थ है जो मातृभूमि के काम ना आया । हम घरों में चैन से नहीं सो पाते जब हमें पता होता कि हमारे शहर से कोई राहगीर भूखा जा रहा है मानवता के लिए सभी सहयोगियों ने अपना जीवन दाव पर लगाकर देश सेवा को प्राथमिकता दी है , सभी सहयोगियों को धन्यवाद व इनके परिवार को विशेष धन्यवाद जिन्होंने कोरोना के इस दहशत भरे माहौल में भी इन्हें यहॉ सेवा देने की अनुमति दी। आप सभी के सहयोग के बिना इतनी बड़ी मुहीम सफल नहीं हो पाती।”