आराम दायक तकिया भी बन सकता हैं खतरनाक , जानिए कैसे

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

“आज के समय में हर इंसान थक कर आराम करने में बस तकिया लेकर सोने में जो आराम महसूस करता हैं। वो आराम उसे सुकून देता हैं।और यहाँ आराम लोगो कि एक जरुरत बन गया हैं। और यहा तकिया जितना आरामदायक हैं |उतना खतरनाक भी हैं। इस तकिया से घर में कई तरह कि बिमारियो का प्रवेश हो सकता हैं। और लोगो कि सोच कि बाते करे तो हर व्यक्ति यही सोचता हैं| कि तकिया जल्दी खराब नहीं होता हैं। और हम लोग सालो तक एक ही तालिया का प्रयोग करते रहते हैं। ऐसा करना भी नहीं चाहिए। पर ऐसा सोचना भी गलत हैं। हर सामान कि एक ‘एक्सपायरी’ डेट होती हैं। और उसी तरह तकिया का भी हैं। और इसके लिए तकिये को बदल लेना ही बेहतर होता हैं। जिससे कोई भी बीमारी घर में प्रवेश न कर सके। अक्सर बहुत से लोगो कि आदत होती हैं कि बाल में तेल लगाकर तकिये पर सर रख कर सो जाते हैं। पर कभी भी हम लोग ये नहीं सोचते हैं बालो में लगा तेल तकिये में सोख लेता हैं। और केवल तकिये का कवर ही गंदा होता हैं। और जब वो गंदा हो जाता हैं तो कवर निकल कर धो देते हैं। पर ऐसा कुछ भी नहीं हैं | उस तेल को तकिये के अंदर भरा फाइबर भी सोख लेता हैं। और रोज कि ज़िदगी में इस्तेमाल करने वाले तकिये में सूक्ष्म जीव का निवास हो जाता हैं |और जब हम लोग एक ही तालिया का प्रयोग करते हैं| तो वही सूक्ष्म जीव हमारी सास के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते है। जिस कारण हम बीमार होने कि स्थिति में आने लगते हैं। और जब कभी हमे खासी जुखाम छोटी बीमारी पकड़ लेती हैं| तब भी हम उसी तकिये का इस्तेमाल करते हैं। जो हम रोज के दिन में प्रयोग करते हैं। ऐसे में हमारी सास और नाक से निकलने वाला पानी व मुँह से निकला लार भी तकिये में सोख लेता हैं।”

“जिससे बीमारी फैलाने वाले जीवाणु का उत्पन्न होना शुरू हो जाता हैं। जिसके कारण हम कभी भी बीमार हो सकते हैं। और कभी कभी हम सब लोगो ने ये भी गौर किया होगा| कि हमारे चेहरे पर पिंपल भी निकल रहे हैं। हमलोग नज़र अंदाज कर देते हैं| जो हमे नहीं करना चाहिए और फ़ौरन उस तकिये को बदल देना चाहिए। क्योकि वो पिंपल तकिये कि वजह से भी हो सकता हैं। साथ कि तकिये के अंदर पनप रहे हैं| बैक्टीरिया हमारे चेहरे हम भी हमला कर सकते हैं। और जिससे पिंपल घटने के बजाये बढ़ने लगते हैं। जब हम बीमार पड़ते हैं |तो रोज में तो तकिये इस्तेमाल करते हैं| उसे धुप में जरूर दिखा देना चाहिए। जिससे पनप रहे जीवाणु धुप में नष्ट हो सकते हैं। और तकिये के कवर को महीने में करीब चार बार धुले। और इससे ज्यादा बेहतर ये भी हैं |कि आपकी सेहत के लिए तकिया बदल देना ही सही होगा।”