विधायक आशीष सिंह आशू की शह पर दबंग करना चाहते है मकान कब्जा पीड़ित ने लगाया आरोप

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

रीडर टाइम्स न्यूज़

न्याय न मिलने पर पीड़ित पहुँचा हाई कोर्ट की शरण कोर्ट ने लिया संज्ञान

भाजपा सरकार ने सत्ता में आने से पहले जनता को भरोषा दिया था कि वह उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाएंगे।लेकिन जब स्थानिय जनता ही अपने विधायक पर इस प्रकार के आरोप लगाने लगे तो आप समझ सकते है कि आखिर उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश क्यो नही बन पा रहा है और ज्यादातर मामलों में पुलिस की कार्यशैली कैसी रही है उस पर बार बार सवाल क्यो उठ रहे है और आमजनमानस को पुलिस पर विश्वास क्यो नही रहा है इस प्रकरण से साफ समझा जा सकता है। इस पूरे प्रकरण से आप समझ पाएंगे कि आखिर दबंगो के हौसले क्यो बुलंद होते है और उन्हें कानून का डर क्यो नही होता है।

क्या है पूरा प्रकरण

ग्राम खेरवा के निवासी लियाकत अली पुत्र मो0अली ने वर्ष 1986 में व वर्ष 2016 में दो प्लाट अपने खरीदे थे यह दोनों भूखण्ड पास पास ही थे एक भूखण्ड का बैनामा 1986 में मो0सलीम व मेहरूनिशा से खरीदा था व दूसरे भूखण्ड का रैयतनामा इंद्रपाल उर्फ अशोक से वर्ष 2016 में कराया था । चूंकि दोनों भूखण्ड भगवंतनगर में निरीक्षण भवन के समीप डाक बंगले रोड के बिल्कुल पड़ोस में है इसलिए उक्त भूखण्ड कीमती होने के साथ साथ मौके के थे पीड़ित लियाकत अली के कथनानुसार विधायक बनने से पहले ही आशीष सिंह आशू की नज़र उनकी इस जमीन पर थी जिसको लेकर वह कई बार पीड़ित से बोल भी चुके थे कि जमीन उन्हें बेच दो लेकिन पीड़ित ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह जमीन उसने अपने बच्चो के लिए खरीदी है पीड़ित ने बताया कि जब वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बन गई तब विधायक ने जमीन को हथियाने के लिए अपने सहयोगियों मान सिंह,सुरेंद्र कुमार,अजीत कुमार,आदि को आगे करके जमीन को कब्जाने का प्रयास कर रहे है।उक्त लोगो ने दिनांक 19/05/2020 को जेसीवी से उनकी दीवार गिरवा दी व निर्माण कार्य नही कराने दे रहे है पुलिस से न्याय मांगने पर पुलिस ने सत्ता के दवाब में उल्टा पीड़ित पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया।

पुलिस अधीक्षक को दी तहरीर फिर भी हावी रही सत्ता की हनक

पीड़ित लियाकत अली को जमीन खरीदने के बाद ही दोनों भूखंडों पर कब्जा मिल गया था उक्त भूखंड पर उसने लगभग जमीन के चारो तरफ 6 फ़ीट ऊंची दीवार व निकासी हेतु एक लोहे का गेट लगवा दिया था दिनांक 19/05/2020 को वह अपने दोनों पुत्रों के साथ अपनी जमीन के अंदर साफ सफाई का कार्य कर रहा था लगभग शाम को 5 बजे दबंग मानसिंह यादव पुत्र रामऔतार ,सुरेंद्र कुमार पुत्र बलदेव,अजीत कुमार उर्फ डगरू व तीन ब्यक्ति अज्ञात जे0सी0बी0 मशीन के साथ आये और दीवार गिराना शुरू कर दी व बिरोध करने पर पीड़ित व उनके दोनों पुत्रों को मारा पीटा व विधायक उनके साथ है पुलिस उनका कुछ नही कर सकती और धमकी दी कि दोबारा इस जमीन पर मत आना और पीड़ित के आँखों के सामने दीवार गिरवा दी।घटना घटित होने के बाद पीड़ित संबंधित थाने पर गया जहाँ उसके सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए गए और बता दिया गया कि तुम्हारी एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी यह कह कर वहाँ से उसको भेज दिया गया लेकिन एफआईआर सत्ता के दवाब में दर्ज नही की गई।

जब दिनांक 25/05/2020 को पुनः पीड़ित अपने पुत्रों के साथ अपनी गिराई गई दीवार को सही कराने के लिये सुबह पहुँचा तो उक्त दबंग पुलिस के साथ फिर से वहां आ गए जहाँ पुलिस ने उन्हें बताया कि विधायक जी नही चाहते है कि आप निर्माण कार्य करे इस कारण काम रुकवा दिया व पीड़ित को उसकी ही जमीन से भगा दिया व मान सिंह की तहरीर सत्ता के इशारे पर पर पीड़ित लियाक़त अली व उनके दोनों पुत्र शमशाद अली,व नौसाद पर अ0पा0156/2020 धारा 504,506,आई0पी0सी0 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर दिया गया।मुकदमा दर्ज होने के बाद पीड़ित ने न्याय की गुहार पुलिस अधीक्षक से दिनांक 26/05/2020 को लगाई चूंकि मामला सत्ता पक्ष के विधायक से जुड़ा था इस कारण कोई कार्यवाही नही की गई और प्रकरणः को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

क्यो हुआ हाई कोर्ट का दखल

जब पीड़ित को पुलिस के निचले स्तर व जिले के आला अधिकारियों से न्याय नही मिला तो पीड़ित जून के महीने में हाई कोर्ट की शरण मे न्याय मांगने चला गया जहाँ पीड़ित ने अपनी दायर पिटीशन में मुख्य सचिव, पुलिस अधीक्षक हरदोई,मल्लावा थानाध्यक्ष, अजीत कुमार दरोगा पुत्र राम सनेही,विधायक आशीष सिंह आशू,मान सिंह, सुरेंद्र कुमार को पार्टी बनाया है व कोर्ट से गुहार लगाई है कि विवेचना कर फर्जी मुकदमा खत्म कर दिया जाए व पीड़ित को उसकी जमीन पर निर्माण कार्य पुनः आरंभ करने दिया जाए पीड़ित की याचिका को कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए आदेश पारित कर दिया है।

क्या किया हाई कोर्ट ने आदेश

पिटीशनर लियाक़त अली के प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए कोर्ट नम्बर 10 की डबल बेंच के जज श्री देवेंद्र कुमार उपाध्याय व श्री नरेंद्र कुमार जौहरी ने आदेश किया है की इस मुकदमे को 29 जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाता है माननीय सरकारी अधिवक्ता को निर्देश दिया जाता है कि इस मामले में लगाये गए आरोपो के संबंध में सरकार से आवश्यक निर्देशो को प्राप्त करे।न्यायालय विशेष रूप से यह इंगित करता है कि शासकीय अधिवक्ता को सरकार से मिलने वाले निर्देश इस मुकदमे के संबंध में और कोई नही बल्कि स्वयं पुलिस अधीक्षक हरदोई देगे।

क्या बोले विधायक

लियाक़त अली द्वारा लगाए गए आरोपो के बारे में जब विधायक आशीष कुमार सिंह से उनके मोबाइल नम्बर 9695416000 पर सम्पर्क किया गया लेकिन फोन किन्ही कारणों से रिसीव नही किया गया।

बड़ा सवाल

बड़ा सवाल यह कि इस पूरे प्रकरण में विधायक आशीष सिंह आशु की कितनी संलिप्तता है यह तो जाच के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन इतना जरूर है कि आखिर कोई तो दवाब जरूर पुलिस विभाग पर रहा होगा जो पीड़ित को न्याय के लिए हाई कोर्ट जाना पड़ा।आखिर क्यों पीड़ित को जिले के आला अधिकारियों से न्याय नही मिला ऐसे बहुत से सवाल है जो इशारा करते है कि सत्ताधारी दबंगो की मदद में है।अब देखना यह है कि आने वाली 29 तारीख को क्या फैसला करती है।