सदाकत अली को बचा रहे है खण्ड शिक्षा अधिकारी फूल चन्द्र बेसिक शिक्षा अधिकारी ने लगाई फटकार

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

रीडर टाइम्स न्यूज़

रीडर टाइम्स न्यूज़ ने एक फर्जी नियुक्ति हुई है कि एक खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था योगेश त्यागी ने आरोप लगाया था कि सदाक़त अली की नियुक्ति फर्जी है क्यो की जो योग्यता तत्समय चाहिए थी वह सदाकत अली के पास नही थी और योग्यता आज भी नही है।सदाकत अली ने नियुक्ति के समय इंटर उतीर्ण होने का जो वर्ष लिखित रूप से अपनी सर्विस बुक में दिखाया है 1982 दिखाया है व इनकी पहली नियुक्ति 30 मार्च 1982 शाहाबाद में हुई थी यह सर्विस बुक में दर्शाया गया है अब सवाल यह उठता है कि आखिर उतीर्ण होने से पहले सदाकत अली की नियुक्ति 30 मार्च 1982 को कैसे हो गई क्यो की अमूमन रिजल्ट मार्च के बाद ही आता है सदाकत अली की विभागीय पत्रावली में आज भी तत्समय की योग्यता के प्रमाणपत्र संलग्न नही है प्रमाणपत्र संलग्न न होना दर्शाता है कि सदाकत अली पर लगाए गए आरोप सही है व तत्समय की गई सदाकत अली की नियुक्ति फर्जी है।

• खण्ड शिक्षा अधिकारी की भूमिका

खण्ड शिक्षा अधिकारी फूलचन्द्र को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपने पत्रांक संख्या 2183 दिनांक 6 जून 2020 को योगेश त्यागी की शिकायत पर जाच सौपी गई थी उस जाच पर खण्ड शिक्षा अधिकारी फूलचन्द्र द्वारा अपने पत्रांक संख्या 31 दिनाक 25/06/2020 द्वारा जो आख्या बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई है इससे सिध्द होता है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी फूलचन्द्र पूरी तरीक़े से सदाकत अली को बचाने का प्रयास कर रहे है।जब इस प्रकरण के संबंध में फूलचन्द्र से रीडर टाइम्स न्यूज़ की तरफ से बात की गई तो कुछ भी न कहने को मना कर दिया।आखिर कब तक फूलचन्द्र जैसे लोग फर्जी नियुक्ति को उजागर न होने का प्रयास करते रहेंगे।फिलहाल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमन्त राव ने फूलचन्द्र को कड़ी चेतावनी देते हुए जाच के लिए पत्र निर्गत किया है जिसकी जांच अभी तक सौपी नही गई है अब देखना यह है कि जारी किए नए पत्र पर क्या जाच आख्या खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा सौपी जाती है यह अगले अंक में प्रकाशित किया जाएगा।