पांचवी क्लास तक बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकते हैं ; पीएम मोदी

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

नई राष्ट्रीय शिक्षा निति को लेकर पीएम मोदी देशवासियो को सम्बोधित कर रहे हैं। की शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किये जा रहे उच्च स्तर पर शिक्षा मंथन कर रहे हैं। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री पोखरियाल भी उपस्थित रहे। अब टेक्नोलॉजी ने हमे बहुत तेजी से ,बहुत अच्छी तरह से ,बहुत कम खर्च में समाज के आखरी छोर पर खड़े स्टूडेंट तक पहुंचने का एक अच्छा माध्यम दिया हैं। और जिसे हमे ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना हैं। भारत का सहयोग हैं की,  टैलेंट व टेक्नोलॉजी का समाधान पूरी दुनिया को दे सकता हैं।

जब गावों में जाएगे ,और देखेंगे कि  ,किसान , श्रमिक ,मजदूर कैसे काम करते। और तभी तो स्टूडेंट उनके बारे में कुछ जान पाएगे ,समझ पाएगे , और उनके श्रम का सम्मान करना भी सिख पाएगे। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा निति में स्टूडेंट एजुकेशन पर बहुत अधिक स्तर पर काम किया गया हैं।

हर विघार्थी व स्टूडेंट को यह अवसर मिलना ही चाहिए कि वो अपने हुनर व अपने पैशन को अधिक बढ़ावा ही नहीं बल्कि उसे फॉलो करे। और वो भी सुविधा कि जरुरत के हिसाब से ही अपनी डिग्री या फिर किसी कोर्स को फॉलो कर सके। और अब नई शिक्षा निति के मुताबिक ,बच्चो को सीखने के लिए सभी सुविधा बेस्ट होनी चाहिए। और उन्ही सुविधाओं पर जोर दिया जा रहा हैं। और इन्ही सब कोशिशों से ही बच्चो में पढ़ाई को लेकर बढ़ने व् सिखने कि ललक बढ़ेगी।

पीएम मोदी कि वीडियो कन्फ्रेन्सिंग के जरिये ,मंत्रीओ से हुई बैठक में उन्होंने कहा कि अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था हैं। कि आज हम जिस दौर में हैं। वहां इन्फॉमेशन व कंटेट की कोई भी कमी नहीं है। और जिसके हिसाब से भारत के एजुकेशन सिस्टम से खुद में बदलाव करे। और इस बदलाव को करना बहुत जरुरी हैं।

भारत की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी -राष्ट्रीय शिक्षा निति को बनाते समय इन सवालों पर गंभीरता से कार्य प्रगति से किया गया। और बदलते समय के साथ एक नई विश्व व्यवस्था की बुनियाद खड़ी हो रही हैं।

पीएम मोदी कहते हैं की ,आज रबिन्द्रनाथ ठाकुर की पुण्यतिथि भी हैं। वो कहते थे , उच्च स्तर की शिक्षा वही होती हैं जो हमे सिर्फ जानकरी ही नहीं देती हैं बल्कि हमारे जीवन को सम्पूर्ण अस्तित्व की पहचान करवाती हैं। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा निति का आधार भी यही सोच हैं। की राष्ट्रीय शिक्षा निति 21 वी के भारत की ,नए भारत की नई आधारशिला तैयार करने वाली हैं। बीते अनेक वर्षो से हमारे एजुकेशन सिस्टम में बदलाव नहीं हुए थे। पर अब हर देश अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपनी नैशनल व्यवस्था के लिए जोड़ते हैं।