जन्माष्टमी की पूजा , जाने शुभ मुहूर्त और तिथि

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

श्री कृष्ण का जन्मोत्सव यानि की जन्माष्टमी का शुभ दिवस आने वाला हैं। और कृष्ण जन्माष्टमी का यहाँ त्यौहार बड़े धूम धाम से मनाया जाता हैं। इस बार 12 अगस्त को जन्माष्टमी हैं। भगवान् श्री कृष्ण ,भगवान् विष्णु के आठवे अवतार हैं। अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र के योग इनका जन्म हुआ था। जन्माष्टमी पर लोग कान्हा जी के बाल स्वरुप की पूजा करते हैं। कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए भगवान् विष्णु ने मथुरा में भगवान् श्री कृष्ण ने अवतार लिया। कई लोग तो बाल गोपाल को पाने घर में रख कर पूजा करते हैं। कान्हा जी की पूजा व सेवा एक छोटे से बच्चे के भांति की जाती हैं। और ये भी माना गया हैं की बाल गोपाल की पूजा कर पर करने से सभी परेशानिया दूर हो जाती हैं।

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार , इस साल भाद्रपद श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुरुआत हैं। 11अगस्त को 9:06 से शुरू होगी। और यहाँ तिथि 11:16 मिनट तक रहेगी। और वही दूसरी ओर वैष्णव जन्माष्टमी की बात करे तो 12 अगस्त का शुभ मुहूर्त बताया जा रहा हैं। बाल गोपाल को साफ जल और गंगा जल से प्रतिदिन स्नान करवाना बहुत आवश्यक हैं। स्नान के बाद चंदन का टिका लगाए। बाल गोपाल के कपड़ो को रोजाना बदले ,

> श्री कृष्ण जन्माष्टमी का कैसे करे व्रत

उपवास के दिन प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान आदि प्रक्रिया करके नित्यकर्मों से निवृत हो जाएं।
इस व्रत में फलहार भी किया जा सकता हैं।
भगवान् श्री कृष्ण के लिए झूला बनाये और उस पर उनकी मूर्ति स्थापित करे।
प्रतिमा को स्थापित करने से पहले उसे गंगाजल से स्नान कराया जाता हैं। और नए वस्त्र पहनाकर उनके लिए बनाये गए स्थान पर स्थापित कर दिया जाता हैं।
और अगर आपके पास मूर्ति संभव नहीं हैं, तो आप चित्र बना कर पूजा कर सकते हैं ।
श्री कृष्ण की पूजा करते समय कान्हा जी के साथ देवकी ,वासुदेव ,बलराम, नन्द बाबा , यशोधा ,और राधा जी को भी पूजा की जाती हैं।
रात 12 बजे चंद्र को देखकर कान्हा जी को झूला झुलाये व उनका जन्मोत्सव मनाये। और श्री कृष्ण को आरती के साथ मंत्रोच्चरण भी करे। ऐसा करने से सभी कष्टों से अंत मिल सकता हैं।