शाहाबाद उपजिलाधिकारी भू माफियाओ पर मेहरबान

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

रीडर टाइम्स न्यूज

हरदोई जिलाधिकारी को वाट्सअप पर भी शिकायत भेजने पर नही होती है कोई कार्यवाही

शाहाबाद उपजिलाधिकारी की कार्यशैली हमेशा ही विवादों में रही है। भू माफियाओ पर उपजिलाधिकारी महोदय बेहद ही मेहरवान रहते है इसी मेहरबानी के चलते भू माफियाओ के हौसले बुलंद है। जिस कारण भू माफिया खुले आम सरकारी भूमियों को कब्जा कर लेते है उपजिलाधिकारी शाहाबाद आखिर भू माफियाओ पर मेहरबान क्यो है। यह बड़ा सवाल है व उससे भी बड़ा सवाल यह है कि ,जिलाधिकारी हरदोई के वट्सअप पर भी प्रमाण सहित कोई शिकायत दर्ज कराने के बाबजूद भी कार्यवाही नही होती है जिससे सिद्ध होता है कि भाजपा सरकार ने देश को डिजिटल इंडिया तो बना दिया उसके बाबजूद भी आमजनमानस को भाजपा सरकार में न्याय नही मिल पा रहा है। ब्यूरोक्रेसी की इस प्रकार की कार्यशैली के चलते सरकार की छबि खराब हो रही है।

आज का प्रकरण भी तहसील शाहाबाद से जुड़ा हुआ है दरअसल तौकलपुर का मजरा कुशवारी से जुड़ा हुआ है।शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि बगैर किसी आदेश के कुशवारी निवासी फिदा हुसैन,रिजवान,असलम,इसहाक बल पूर्वक ग्राम समाज की जमीन को कब्रिस्तान में शामिल कर रहे है उपरोक्त विपक्षी ने कटीले तार व पिलर खड़े करके ग्राम समाज की जमीन को कब्रिस्तान में मिला लिया है।जिसकी शिकायत सर्वप्रथम पुलिस से की गई लेकिन पुलिस ने यह कह कर टाल दिया कि यह जमीन का विवाद है आप लोग संबंधित तहसील में शिकायत दर्ज कराए।तत्पश्चात शिकायतकर्ता ने शाहाबाद तहसील में अपनी शिकायत दर्ज कराई लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही नही हो सकी है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उपरोक्त लोग पुलिस की दलाली करते है जिस कारण पुलिस प्रकरण पर आँख बंद किये हुए है और शाहाबाद तहसील में उपजिलाधिकारी महोदय भू माफियाओ पर मेहरवान है जिस कारण कार्यवाही न हो पाना लाजमी है।यह जमीन कब्जाने का कोई पहला मामला नही है ऐसी पता नही कितनी शिकायत पत्रो पर भ्रष्ट ब्यूरोक्रेसी के चलते कार्यवाही नही हो सकी है कार्यवाही के नाम पर फर्जी आख्या लगा कर पता नही कितनी ही शिकायत को बंद जरूर किया जा चुका है।आखिर उपजिलाधिकारी शाहाबाद भू माफियाओ पर इतना मेहरवान क्यो है यह बड़ा सवाल है।और आखिर भू माफियाओ पर कार्यवाही क्यो नही हो रही है जब कि हरदोई जिलाधिकारी महोदय साफ तौर पर बोल चुके है कि जमीन कब्जेदारी के मामले को गंभीरता से लिया जाए उसके बाबजूद भी शिकायत पर कार्यवाही न होना दर्शाता है कि जिलाधिकारी के आदेश सिर्फ हवा हवाई है।और जब उस बच्चे की जमीन कब्जा हो गई जिस बच्चे के संरक्षक स्वयं जिलाधिकारी है तो अन्य लोगो या सरकार की जमीन कब्जा हो जाना लाजमी है।