कोरोना काल के बीच बच्चो के स्कूल खुलने पर ; अभिभावकों की क्या हैं राय ,

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

कोविड-19 महामारी के पांव पसारने के साथ ही देश में सबसे पहले स्कूलों को बंद किया गया था और फिर संभवत: स्कूल ही होंगे जो सबसे बाद में खुलेंगे। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय जैसे कई शैक्षणिक संस्थान देश में लॉकडाउन लगने से पहले ही बंद हो गए थे। इसके बाद से ही शिक्षा ऑनलाइन संसाधनों के भरोसे रही। सरकार ने स्कूलों को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्रों से प्रतिबंधों को हटा लिया है। कोरोना वायरस संक्रमण की वैक्सीन आने के बाद कुछ राज्यों में स्कूल फिर से खुल रहे हैं। ऐसे में सामुदायिक इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म लोकल सर्कल्स ने देश के 224 जिलों में बच्चों के माता-पिता से करीब 19 हजार प्रतिक्रियाएं लीं। जिसमें सामने आया है कि 69 फीसद लोग चाहते हैं कि स्कूल अप्रैल 2021 या उसके बाद खुलने चाहिए।

भारत में कोविड-19 के मामलों में गिरावट को देखते हुए स्कूलों को फिर से खोलने को लेकर आपकी क्या राय है ? क्योकि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पहले से ही लोगों के दिलों में खौफ था। अब इस जानलेवा वायरस के नए स्‍ट्रेन के सामने आने से लोगों का डर और बढ़ गया है। ऐसे में माता-पिता अपने बच्‍चों की पढ़ाई से ज्‍यादा स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। अभिभावकों से जब यह पूछा गया कि यदि अप्रैल 2021 तक स्कूली बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराई जाती है, तो क्या आप इसे अपने बच्‍चे को देने पर विचार करेंगे ? इस सवाल के जवाब में लोग असमंजस में नजर आए। कोरोना वायरस की वैक्‍सीन को लेकर काफी भम्र फैलाया जा रहा है। कुछ लोग इसकी विश्‍वसनीयता पर भी सवाल उठा रहे हैं। बल्कि भारत सरकार ये साफ कर चुकी है कि वैक्‍सीन एकदम सुरक्षित है और इसे विशेषज्ञों की राय के बाद ही मंजूरी दी गई है।

कई राज्यों में फिर से खुल रहे हैं स्कूल

बता दें कि इसी महीने से कर्नाटक, बिहार, पुडुचेरी, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में स्कूलों को फिर से खुल रहे हैं। हालांकि फिलहाल बड़ी कक्षाओं के छात्रों को ही स्कूल बुलाया गया है। आंध्र प्रदेश और हरियाणा सरकार ने जब स्कूलों को फिर से खोलने की कोशिश की, तो सैकड़ों छात्र और शिक्षक सिर्फ सप्ताह भर में ही कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे।