प्रधान को सताने लगा हार का डर

 

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

रीडर टाइम्स न्यूज़

• जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी ने प्रधान के अरमानों पर फेरा पानी

निजामपुर ग्रामसभा वह ग्रामसभा है। जिसका नाम सुनते ही भ्रष्टाचार की तस्बीर जहन में घूमने लगती है। अभी कुछ ही दिन पूर्व में निजामपुर के निवासी शिकायतकर्ता सतीस वर्मा ने फर्जी वोटो की शिकायत जिलाधिकारी से की थी। जिस शिकायत को संज्ञान में उपजिलाधिकारी ने लेते हुए लगभग 288 फर्जी वोट काटे थे उपजिलाधिकारी की इस कार्यवाही से ग्राम प्रधान को हार का डर सताने लगा। ग्रामवासियों के आरोपो के अनुसार लगभग डेढ़ सौ से दो सौ वोट ग्राम प्रधान नाजिम खान ने उन लोगो के कटवा दिए है। जो लोग सतीस वर्मा के साथ है या यूं कहें कि जो नाजिम खान को आगामी आने पंचायत चुनाव में वोट नही देगे।उन लोगो के वोट ग्राम प्रधान नाजिम खान ने कटवा दिए।वोट नाजिम खान ने कटवाये है या किसी त्रुटि बस कट गए है यह जांच का विषय है। सबसे बड़ी ताज्जुब की यह बात है कि ग्रामवासी वोट बनवाने के लिए दो दिन से लगातार सदर तहसील आ रहे है लेकिन उनकी सदर तहसील में सुनने वाला कोई नही है। जब वोट वनवाने की ग्रामवासियों की गोहार को तहसील में नही सुना गया ततपश्चात सतीस वर्मा ग्रामवासियों के साथ जिलाधिकारी के समक्ष पेश हो गए उसके बाद मामले को उपजिलाधिकारी ने संज्ञान में लिया व सभी वोट वनवाने के आवेदकों के आवेदन को जमा किया गया व सभी को रिसीविंग दे दी गई।लेकिन जो उठापटक निजामपुर में चल रही है और ऊंट किस करवट बैठेगा व किसके सर पर जीत का सेहरा बंधेगा यह आने वाला समय ही बताएगा।चूंकि बिगत 25 सालो में अभी तक किसी ने निजामपुर के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नही उठाई जो आवाज सतीस वर्मा ने उठाई है।सतीस वर्मा द्वारा निजामपुर में वर्षो से ब्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के कारण जनता ने कही न कही उन्हें प्रधान पद का दावेदार मान लिया इस कारण जिन लोगो के वोट कट गए उन लोगो ने सतीस वर्मा का दरवाजा खटखटाया और सतीस वर्मा उस पर खरे भी उतरे।हालांकि सतीस वर्मा का कहना है कि जनता की सेवा के लिए उन्हें किसी पद की आवश्यकता नही है।समाजसेवा करना उनका मुख्य उद्देश्य है और राजनीति भी समाजसेवा है लेकिन कुछ लोगो ने इसको बदनाम कर रखा है।