कोविड-19 के चलते बढ़ा लाइलाज ‘गोनोरिया’, क्या है यह और कितना खतरनाक

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

मुसीबत अकेले नहीं आती… कोरोना वायरस पर काबू पाए जाने की तरफ बढ़ रहे लोगों के सामने अब एक और इन्फेक्शन का खतरा गंभीर हो रहा है. खबरदार होने की बात यह है कि यह ‘सुपरबग’ लाइलाज होने की खबरें तक हैं.

एक तरफ, कुछ देशों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर चर्चा है, तो दूसरी तरफ इस महामारी के बीच बैक्टीरिया जनित घातक रोग भी चिंता का कारण बन रहे हैं। Covid-19 के इलाज में ‘ओवरडोज़’ की वजह से ‘सुपर गोनोरिया’ के मामले न केवल बढ़ रहे हैं बल्कि लाइलाज तक होते जा रहे हैं. आखिर यह रोग क्या है और कितना घातक है? इस रोग के बारे में हो सकता है कि आपने पहले सुना हो, लेकिन मौजूदा हालात में यह गंभीर मामला हो गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो जो मामले देखे जा रहे हैं, उनमें इसके प्रचलित इलाज की दवाएं जैसे एज़िथ्रोमाइसिन, पेनिसिलिन, सेफ्ट्रियाक्सोन आदि कई रसायन बेअसर तक साबित हो रहे हैं.

:- आखिर क्या बला है सुपर गोनोरिया?

यौन संबंधों से फैलने वाला एक संक्रमण है सुपर गोनोरिया, जिसे ‘क्लैप’ भी कहा जाता है. यह पुरुषों व महिलाओं दोनों को होता है. इस रोग का कारण नीज़ेरिया गोनोरॉए नाम को बैक्टीरिया ​है, जो सामान्य तौर पर लिंग और योनि के द्रव में होता है. इस बैक्टीरिया का संक्रमण तकरीबन हर प्रकार की यौन क्रियाओं के ज़रिये संभव है.

: – क्या इससे बचाव संभव है?

गोनोरिया से बचने के लिए हिदायत दी जाती है कि सेक्स के दौरान सुरक्षा का पूरा खयाल रखा जाए. समझने की बात यह है कि कंडोम के इस्तेमाल से इस संक्रमण से बचाव हो ही जाएगा, यह गारंटी नहीं होती लेकिन ठीक ढंग से इस तरह के उपाय अपनाने से संक्रमण होने की आशंका कम ज़रूर हो जाती है। गोनोरिया से बचाव के लिए गर्भनिरोधक गोलियों जैसे बचाव कारगर साबित नहीं होते. विशेषज्ञ बताते हैं कि ओरल सेक्स के दौरान डेंटल डैम्स के इस्तेमाल से इस संक्रमण की आशंका को कम किया जा सकता है. अगर किसी गर्भवती को गोनोरिया की पुष्टि होती है तो संभव है कि उसके शिशु में भी यह संक्रमण हो .