अनुसूचित जाति /आरक्षण नियमों की अवहेलना पर आयोग की :- सदस्य अंजू बाला ने भेजा ; विशेष प्रार्थना पत्र ,


संवाददाता सौरभ सैनी
रीडर टाइम्स न्यूज़
उत्तर प्रदेश के आयुष चिकित्सा पद्धति से संबंधित यूनानी सेवाएं उत्तर प्रदेश लखनऊ के निदेशक द्वारा वर्ष 2014 में विज्ञापित युनानी  फ़ॉर्मेसिस्टो के रिक्त 95 पदों में आरक्षित श्रेणी के अनुसूचित जाति / जनजाति की सीटों को अन्य संवर्ग (मुस्लिम वर्ग) से असंवैधानिक तरीके से भर लिया गया था। यूनानी विभाग के अंतर्गत वर्ष 2014 में कुल 263 पद फार्मेसिस्ट के सृजित थे। जिसमें 168 पद भरे थे। भरे 168 पदों में SC/ST वर्ग का एक भी फार्मासिस्ट कार्यकृत नहीं था। 95 पदों के सापेक्ष से 76 SC/ST के प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने भी काउंसलिंग कराया था लेकिन भ्रष्टचारवंश वर्ष 95 पदों के सापेक्ष 89 पदों पर ही नियुक्ति की गई जिसमें सामान्य तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के ही अभ्यर्थी नियुक्त किए गए हैं। उसमें SC/ST वर्ग के एक भी अभ्यर्थियों को नियुक्त नहीं किया गया। जबकि निदेशक यूनानी द्वारा आर टी आई के एक मात्र जवाब में यूनानी फ़ॉर्मेसिस्टो के रिक्त 95 पदों के सापेक्ष 55 पद अनुसूचित जाति एवं 04 पद  अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित है का उल्लेख किया गया है। जो रजिस्टर्ड डाक द्वारा दिनांक 01/07/2014 को संख्या 1347/यू० नि० /331 – आरo टीo आईo 2014 -15 द्वारा कार्यालय निदेशक यूनानी सेवाएं उत्तर प्रदेश लखनऊ से प्रेषित नाम शैलेंद्र सोनवानी पुत्र स्वर्गीय राजाराम सोनवानी के स्थायी पते पर उपलब्ध कराया गया है।

95 पदों की सापेक्ष 89 पदों को सामान्य तथा ओ बी सी वर्ग से क्यों भरा गया ? और आरक्षित SC/ST के पदों को अग्रेनित कैरिफॉरवर्ड क्यों नहीं किया ? और तत्कालीन चयन प्रक्रिया में चयनित गठित समिति में SC/ST जाति के सदस्य को क्यों नहीं रखा गया ? आदि विभिन्न प्रश्नों द्वारा यह प्रतीत होता है। कि SC/ST के अभ्यर्थियों को आरक्षण न दिए जाने की योजना पूर्व से ही था। अनंत दिनांक 15/03/2021 के पत्रानुसार राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला ने प्रमुख सचिव आयुष एवं निदेशक यूनानी निदेशालय उत्तर प्रदेश को आगामी दिवस बृहस्पतिवार दिनांक 18/03/ 2021 को तत्काल दिल्ली तलब की है।