निर्वाचन अधिकारी भरखनी का कारनामा ; क्या इस तरह हो पाएगा , निष्पक्ष चुनाव


रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़
अभी तक एक कहावत हम सुनते आए है कि पुलिस रस्सी का साँप बनाती है। वार्ड नम्बर 82 ब्लाक भरखनी से महिला क्षेत्र पंचायत सदस्य का नामांकन करने वाली प्रत्यासी नीरजा कुमारी पत्नी ओमपाल सिंह ने आरोप लगाया है कि ब्लाक भरखनी में टेबल नम्बर चार पर तैनात निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार ने सारे नियम ताक पर रखकर 83 नम्बर वार्ड में दाखिल किए गए नामांकन को उनके वार्ड 82 का नामांकन दर्शा उनको निर्विरोध नही होने दिया गया।

दरअसल नीरजा कुमारी पत्नी ओमपाल सिंह ने क्षेत्र पंचायत सदस्य हेतु वार्ड नम्बर 82 से दिनांक 03/04/2021 को नामांकन किया था इसी वार्ड से  राधिका पत्नी राधेश्याम ने भी दिनांक 04/04/2021 को क्षेत्र पंचायत सदस्य हेतु नामांकन किया था। दिनांक 06/04/2021 वार्ड नम्बर 82 के दोनों प्रत्याशी के नाम की सूची पर्चा जांच के बाद दुरुस्त पाए जाने पर चस्पा की गई। दिनांक 07/04/2021 को राधिका पत्नी राधेश्याम ने अपना पर्चा वापस ले लिए जिस कारण नीरजा कुमारी नियमतः निर्विरोध हो गई लेकिन नीरजा कुमारी के राजनीतिक विरोधियों को यह बात हजम नही हुई जिस कारण सत्ताधीसो के इशारे पर निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार ने जिस महिला प्रत्यासी ने अपना नामांकन वार्ड नम्बर 83 में किया था जिसकी सूची भी चस्पा हुई थी उस दीपा पत्नी रामसुंदर के नामांकन को वार्ड नम्बर 82 का नामांकन दिखा कर नीरजा कुमारी को सत्ता के इशारे पर निर्विरोध नही होने दिया।

जब इस बारे में निर्वाचन अधिकारी से बात की गई तो बताया गया कि दीपा पत्नी रामसुंदर ने गलती वस नामांकन वार्ड सँख्या 83 में कर दिया गया था जो जांच के बाद 82 में कर दिया गया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि दीपा पत्नी रामसुंदर का नामांकन जब वार्ड सँख्या 82 का था तो वार्ड सँख्या 83 में कैसे मंजूर हो गया और जांच के बाद भी आखिर दीपा कुमारी का पर्चा निरस्त क्यो नही किया गया।ऐसे बहुत से सवाल है जो इशारा करते है कि सत्ताधारी लोगो के इशारे पर निर्वाचन अधिकारी ने नियमविरुद्ध कार्य किया है। शिकायतकर्ता नीरजा कुमारी ने सारे घटना क्रम की शिकायत चुनाव आयोग से की है अब देखना यह है कि क्या कार्यवाही होती है।