हरदोई के रसूखदारों की गंदी राजनीति ने छात्रसंघ अध्यक्ष को बना दिया अपराधी 

रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़

* न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक से लगाई गुहार

आज के प्रकरण से हम समझ पाएंगे कि कैसे एक नवयुवक को राजनीतिक द्वेष के कारण अपराधी बना दिया गया जिसका दंश वह आज भी झेल रहा है। उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने डेढ़ दशक पहले सत्ता के खिलाफ आवाज उठाई थी जो हरदोई के सत्ताधारियों को नागवार गुजरा। दरअसल वर्ष 2004 में हरदोई राधानगर निवासी पदम् सिंह चंदेल ने सी0 एस0 एन0 से छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव जीता था उसके बाद वह हरदोई की राजनीति में अहम भूमिका निभा रहे थे जो हरदोई के सत्ताधारी हजम नही कर पा रहे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2006 में उत्तर प्रदेश में अपराधियो की सरकार कही जाने वाली सपा की सरकार थी ।

इस सरकार के कार्यकाल में हरदोई के सी0 एस0 एन0 डिग्री कालेज में अध्यक्ष पद के चुनाव होते है । जिसमे एक क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को सपा के नेता जी के भाई का आशीर्वाद प्राप्त होता है लेकिन वही दूसरी तरफ पूर्व अध्यक्ष पदम् सिंह चंदेल उस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार की मदद करते है जिस उम्मीदवार को नेता जी के भाई का आशीर्वाद प्राप्त नही होता है । चूंकि पदम् सिंह चंदेल पूर्व अध्यक्ष थे इस कारण विरोधी खेमे को हार का डर सता रहा था इस कारण मतदान से 6 दिन पहले एक साल पूर्व 2005 की घटना का हवाला देकर पदम् सिंह चंदेल पर बलात्कार,अपहरण,जैसी गम्भीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया और पदम् सिंह चंदेल को हरदोई छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। जब यह मुकदमा लिखा गया जब शहर कोतवाली में घनश्याम तिवारी तैनात थे।

चुनाव सम्पन्न हो जाते है और सत्ताधीश के चहेते अध्यक्ष चुनाव जीत जाते है । उधर दूसरी तरफ पदम् सिंह चंदेल कोर्ट में सरेंडर कर देते है । और 26 दिन बाद उनकी जमानत मंजूर हो जाती है पदम सिंह चंदेल को जेल में ही रखने के लिए सत्ता के दवाब में पदम् सिंह पर गैंगेस्टर लगा कर हिस्ट्रीशीट खोल दी जाती है जिस कारण पदम् सिंह को लगभग आठ महीने और जेल में रहना पड़ता है।
और अन्तोगत्वा वर्ष 2016 में पदम् सिंह न्यायालय से दोषमुक्त होता है।

आज से लगभग 15 साल पहले अपने चहेते उम्मीदवार की मदद न करने का जो खामियाजा जो पदम् सिंह को जिस रूप में भुगतना पड़ा वही खेल वही सत्ताधारी फिर खेलने के फिराक में है। चूंकि सरकार भाजपा के योगी आदित्यनाथ जी की है । इस कारण कही न कही वह सत्ताधारी भी पूरी मनमानी करने में लाचार है इस पंचायत चुनाव में पदम् सिंह चंदेल ने फिर आरोप लगाया है कि उसे शासन व प्रशासन बेबजह परेशान कर रहा है क्यो की एक बार फिर वह उस खेमे की जिलापंचायत सदस्य के व प्रधानी के चुनाव में मदद कर रहा है जिस खेमे को नेता जी का आशीर्वाद प्राप्त नही है जिसको लेकर उसने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।

पदम् सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली को देखते हुए उसे पूरा विश्वास है कि उसके साथ न्याय होगा।लेकिन जिस प्रकार से सत्ता के इशारे पर सपा सरकार में एक पढ़े लिखे नवयुवक को अपराधी बना कर बेरोजगार कर दिया गया उसका खामियाजा कौन भुगतेगा क्या सपा सरकार या तत्कालीन हरदोई के नेता जी उसके भविष्य को बना पाएंगे समाज मे जो प्रतिष्ठा गिरी है उसकी कीमत सपा सरकार दे पाएगी जो आठ महीने जेल में गुजारे है । उस समय की कीमत तत्कालीन नेता जी के भाई या नेता जी दे पाएंगे शायद नही।आखिर उस नवयुवक का जो फ़र्जी मुकदमे के कारण जो जीवन बर्बाद हुआ है। उसकी भरपाई कौन हमारा समाज,या सपा सरकार या नेता जी यह सबसे बड़ा सवाल है।