आजमगढ़ के महराजगंज ब्लॉक की दर्दनाक और भयावह घटना

रिपोर्ट मोहम्मद शब्बीर
रीडर टाइम्स न्यूज़
आजमगढ़ के महराजगंज ब्लॉक अंतर्गत , ग्राम पंचायत – नौबरार देवारा जदीद किता प्रथम के उत्तरी छोर (औघड़ गंज के उत्तर तरफ) , महुला गढ़वल बांध के उत्तर भीषण आग लगी और पूरा इलाका धु धु करके जलने लगा। जिसमें लोगो से पता चल रहा है कि 70 घर,300 बीघा गेंहू, 2 भैस, 25 बकरियां सहित 5 लोगों के जलने की डरावनी खबर है। जब तक राहत कार्य शुरू हो पाता तब तक बहुत देर हो चुकी थी लोगों के घरों में रखे सभी सामान जलकर राख हो गए। पालतू पशुओं की मौत हो गई। इस दौरान आपाधापी में भागे लोगों की खोजबीन जब शुरू हुई तो राकेश राम के दो बच्चेेे गायब मिलेे। बाद में मासूम भाई बहन 5 वर्षीय मुस्कान और 3 वर्षीय अवनीश के शव पूरी तरह से जली हालत में उनके घर से मिके। बताया जा रहा है कि बच्चे जान बचाने के लिए कमरे में ही छुप गए थे। राहत कार्य देरी से शुरू होने को लेकर लोगों में भारी आक्रोश था। 3 लोगो का इलाज अभी चल रहा है! लोगों का वाजिब सवाल यह है कि 70 घर जो कि मंडई के थे जल कर खाक हो गए, इनको प्रधानमंत्री आवास का पात्र क्यों नही माना गया था? अभी कितने और घर,बच्चें,गरीब लोग जलेंगे कि इनको पक्का आवास की पात्रता में शामिल किया जाएगा? आखिर और लोगो के मरने का इतंज़ार क्यों और कब तक? इस आग और जान माल की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की नहीं तो फिर किसकी है? क्योंकि अगर पक्के मकान होते , समय पर दमकल पहुँचे होते तो जान माल का इतना भयावह नुकसान नही हुआ होता।