किसान मिर्च में लगने वाले माइट किट से  कैसे करें बचाव

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
1- बारिश के महीने में सबसे ज्यादा फसलों पर कीटों का होता है आक्रमण
लखनऊ : मिर्च में प्रमुख रूप से कई कीटों का प्रकोप होता है जिसमे सफेद मक्खी, माहू, मिर्च माइट तथा  स्केल इंसेक्ट और मूल ग्रंथि निमेटोड की अधिक समस्या रहती है। बरसात के समय में मिर्च किसानों की समस्याएं बढ़ जाती हैं इस पर प्रमुख रूप से मिर्च की माइट का प्रकोप अधिक होता है, जब वातावरण में आद्रता अधिक होती है तो इस कीट का प्रकोप अधिक होता है।

क्षतिग्रस्त पौधों की पत्तियों पर पीले पीले धब्बे दिखाई देते हैं, पत्तियां अनियमित आकार ले करके बहुत मोटी हो जाती हैं और छूने पर शीघ्र टूटने लगती हैं। पत्तियां सिकुड़ जाती हैं पत्तियों की निचली सतह पर जाला छोटा पाया जाता है और उस जाले के नीचे माइट के छोटे-छोटे वयस्क हजारों की संख्या में रहते हैं। यह मिर्च की पत्तियों से रस चूसते हैं बहुत छोटे आकार के कीट होते हैं इनका अंडा लाल  होता है।

किसान इस तरह जाने कीट का लक्षण :- प्रमुख रूप से इस कीट के वयस्क एवं निम्फ दोनों ही मिर्च को क्षति पहुंचाते हैं,वयस्क पत्तियों का रस चूसते हैं जिससे पत्तियां पीली पड़ जाती हैं पौधे देखने में बीमार सा दिखाई पड़ते हैं। उनका विकास बिल्कुल रुक जाता है छोटे पौधों पर प्रकोप होने पर वह प्रायः मर जाते हैं। बड़े पौधों का विकास रुक जाता है और फलों की संख्या कम हो जाती है तथा फल छोटे -छोटे एवं टेढ़ी-मेढ़े लगते है।

मिर्ची में लगे कीट से बचाव करने का उपाय :- बरसात के समय मिर्च की देखभाल करना बहुत आवश्यक होता है ,इसके लिए क्षतिग्रस्त पत्तियों को तोड़कर तुरंत जला देना चाहिए ज्यादा प्रकोप होने पर गंधक की धूल का बुरकाव करना चाहिए। चंद्रभानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय बख्शी का तालाब के कृषि कीट विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बरसात के दिनों में फसलों की निगरानी करते रहें यदि फसल पर माइट दिखती है ।

तो क्लोरफेनामिडीन 1 एम एल मात्रा को 1 लीटर पानी कि दर  से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए ,यदि यह रसायन नहीं मिलता है तो ऑक्सीडिमेटान मिथाइल  25 ईसी की 1 एम एल  मात्रा को 1 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव लाभप्रद होता है। मिर्च के खेतों में खरपतवारों की सफाई करते रहें। मिर्च के खेतों में माइट का भीषण प्रकोप हो जाने पर एसीफेट 75 प्रतिशत एसपी की  1/2 ग्राम +  इमिडाक्लोप्रिड 0.5 एम एल रसायनों को 1 लीटर पानी कि दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।