भाजपा सरकार में चारागाह की जमीन पर भूमाफियाओं का कब्जा

रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़
सभी औपचारिकताएं पूरी फिर भी नही आवंटित हो पा रही है गौशाला के लिए जमीन भाजपा सरकार में गौशाला के लिए जमीन आवंटित नही हो पा रही है इसका प्रमुख कारण यह है कि चारागाह की जमीन पर भूमाफियाओं का कब्जा है आज का यह ताजा मामला सुरसा ब्लाक की ग्रामपंचायत सरैया का है। दरअसल सरैया ग्राम की गाटा संख्या 27 चारागाह में दर्ज है।

ग्रामवासियों के अनुरोध पर पूर्व के ग्रामप्रधान सर्वेन्द्र गुप्ता के कार्यकाल में गौशाला बनने का प्रस्ताव पास हुआ था जिस पर निचले पायदान के अधिकारियों ने अनुमोदन कर दिया था लेकिन अब फाइल उपजिलाधिकारी के यहां महीनों से लंबित पड़ी है। उपजिलाधिकारी के यहां फाइल लंबित है या राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते लंबित रखी जा रही है यह तो जांच का विषय है लेकिन चारागाह की जमीन से संबंधित जो जानकारी व दस्ताबेज प्राप्त हुए है उससे सिद्ध होता है कि विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते चारागाह की जमीन रसूखदार लोगो के कब्जे से मुक्त नही हो पा रही है।इस प्रकरण की एक शिकायत पूर्व में हो चुकी है।

उस पर जो रिपोर्ट लगाई गई है उस रिपोर्ट में राजस्व विभाग ने यह तो माना है कि चारागाह की जमीन पर अतिक्रमण है लेकिन अतिक्रमणकारियो पर कोई कार्यवाही नही की गई व न ही चारागाह की जमीन को सुरक्षित किया गया।क्योंकि की राइस मिल के मालिक के पति हरदोई सदर तहसील में तैनात है।शायद इस कारण कार्यवाही न होना लाजमी है।

आखिर क्या कारण है जब 6 जनबरी को ही खण्ड विकास अधिकारी रामप्रकाश ने उपजिलाधिकारी को पत्र प्रेषित कर दिया था कि गौशाला के लिए उपयुक्त भूमि का आवंटन करे उसके बाबजूद भी उपजिलाधिकारी के यहां फाइल लंबित है। उपजिलाधिकारी के यहां फाइल का लंबित होना यह दर्शाता है कि राजस्व विभाग की मिलीभगत के चलते गौशाला अभी बनना आसान नही है क्योंकि अगर इस चारागाह की जमीन पर गौशाला बनती है तो जिस रास्ते से राइस मिल के लिए आवागमन होता है वह बन्द हो जाएगा जिस कारण राइस मिल को बंद करना पड़ेगा।