चुनावी साल में नहीं बढ़ेगी बिजली की दरें ; उपभोक्ताओं को मिली राहत ,

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
1- विद्युत नियामक आयोग ने जारी किया टेरिफ ऑर्डर
लखनऊ :-  उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वर्ष भी बिजली की दरें नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इससे संबंधित अपना टेरिफ ऑर्डर भी जारी कर दिया है। सरकार का कहना है कि कोरोना का प्रकोप देखते हुए जनहित में फैसला लिया गया है। लेकिन वास्तव में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए विद्युत दरें बढ़ाना सरकार के लिए हितकारी नहीं साबित होता और विपक्ष को बैठे-बिठाए एक मुद्दा और मिल जाता। इसलिए भी सरकार का यह कदम चुनाव से संबंधित दिखाई पड़ रहा है।

लगातार दूसरे साल सरकार ने विद्युत दरें नहीं बढ़ाई है। उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों को यथावत रखकर सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है । किसानों के हितों को देखते हुए और आपदा में राहत देने के लिए किसानों कि मीटर लगने के बाद भी अनमीटर्ड टैरिफ की सुविधा प्रदान की गई है। इस सुविधा के मिलने से उन्हें पर्याप्त बिजली भी मिल सकेगी और इसके लिए उन्हें किसी तरह के अतिरिक्त धन का भुगतान भी नहीं करना होगा । वैसे कई किसान संगठनों ने पहले ही मुफ्त बिजली की मांग का मुद्दा उठाया हुआ है लेकिन सरकार ने किसानों से बिजली के एवज में संतुलित धन ही वसूल किए जाने के आदेश दिए हैं।

विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन और रेगुलेटरी सर चार्ज के प्रपोजल को भी खारिज कर दिया है । बिजली कंपनियों ने उपभोक्ता परिषद कीकू वीटा हद प्रस्ताव को रोकने के लिए 10 से 12% तक रेगुलेटरी सर चार्ज लगाने के लिए 49 हजार करोड़ के आसपास का प्रस्ताव दिया था। जिस पर उपभोक्ता परिषद ने सवाल खड़ा करते हुए इस प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की जिस को सही मानते हुए विद्युत नियामक आयोग ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। साथ ही स्मार्ट मीटर पर आने वाले खर्च को भी उपभोक्ताओं पर नहीं डालने का फैसला किया गया है। किसानों के निजी ट्यूबलो पर भले ही विभाग द्वारा मीटर लगवा दिए गए हो लेकिन किसानों से ₹170 प्रति हार्स पावर की हिसाब से फिक्स चार्ज ही वसूल किया जाएगा इस निर्णय के बाद किसानों में बिजली दरों को लेकर अनिश्चितता समाप्त हो गई है।