खाद्य निरीक्षण के संरक्षण में अखाद्य वस्तुओं की नगर में खुलेआम हो रही बिक्री

संवाददाता श्याम जी गुप्ता
रीडर टाइम्स न्यूज़
* खाद्य निरीक्षक की कार्यप्रणाली से दुकानदारों में पनप रहा है रोष
शाहाबाद/ हरदोई/ फूड विभाग के भ्रस्ट अधिकारी अपने अपने क्षेत्र मे रुके हुए है। जबकि विभागीय सूत्रों से मालूम हुआ है। जिला एवं तहसील स्तर पर 1 वर्ष से अधिक अपना कार्यभार नहीं देख सकते हैं अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद शासनादेश के अनुसार फूड इंस्पेक्टर एक साल से अधिक जनपद की किसी तहसील में नहीं रह सकता मगर तहसील शाहबाद में 1 वर्ष के ऊपर हो जाने के बावजूद भी फूड स्पेक्टर अपनी पहुंच के कारण रुके हुए हैं ऐसा लोगों का कहना है कुछ दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की प्रति माह निश्चित धनराशि ले लेते हैं और खुली छूट मौखिक रूप से दे देते हैं इतना तक बता देते हैं। कि मैं किस दिन शाहबाद आऊंगा आप लोग थोड़ा सतर्क रहें।

फूड इंस्पेक्टर के आते ही गोरख धंधा करने वालों को उनकी भनक लग जाती है और दुकानदार अपनी दुकानों का शटर गिरा कर दाएं बाएं हो जाते हैं। फूड स्पेक्टर दिखावे के लिए उन्हीं का सैंपल भरते हैं। जो उनको निश्चित महावारी नहीं पहुंचाता है वही दुकानदार उनका कोफभाजन हो जाता है। उदाहरण के तौर पर विगत दिनों में मॉडर्न राइस मिल पर छापा मारकर भारी संख्या में मिलावटी तेल इनके द्वारा पकड़ा गया था जबकि उससे पहले कई दुकानदार पढ़ते हैं जिन की दुकान भी खुली थी मगर इनकी नजर दुकानदारों पर इसलिए नहीं पड़ी कि वह इनकी सेवा भाव करते रहते हैं और जिसके यहां छापा डाला वह व्यक्ति उनको सारे कागजात दिखाता रहा लेकिन इन्होंने उसको मिलावटी तेल बताकर सैंपल भर लिया। और उसकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं थे। इनकी पक्षपात पूर्ण रवैया उस समय सामने आ गया जब उस मील के ठीक पहले से कई दुकानदार खुलेआम अखाद्य कड़वा तेल खुलेआम बेच रहे थे और बेच रहे हैं मगर उनकी दृष्टि उन दुकानदारों पर नहीं पड़ी जिससे यह स्वयं संदेह के घेरे में आ जाते इनकी कार्यप्रणाली को लेकर दुकानदारों में काफी रोष व्याप्त है कि त्यौहार आने से पहले ही इनका नगर में भ्रमण लग जाता है दुकानदार भारी नुकसान को बचाने के लिए इनसे एक निश्चित एक ढाबे पर बैठकर सेटिंग हो जाती है।

और वही दुकानदार चंद मिनटों बाद दुकानें अपनी खोल कर बैठ जाते हैं। इस प्रतिनिधि ने सारे तत्वों की जानकारी करने के लिए फूड इंस्पेक्टर को फोन कर सारी जानकारी ली तो उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि नगर में घुसते ही दुकानदारों को पता चल जाता है और वह दुकानें बंद करके भाग जाते हैं। जब दुकानदार भाग ही जाते हैं तो सैंपल आप किसका भरते हैं। इस प्रश्न का उनके पास कोई जवाब ही नहीं निकला दूसरा प्रश्न जब किया गया तो उन्होंने बताया कि अन्य खाद्य वस्तुओं की मुझे कोई जानकारी नहीं है आप हमें उन दुकानदारों के बारे में बताइए हमें कार्रवाई करूंगा। त्यौहार आते ही अपने दलाल को भेजकर धनराशि वसुलवाते है। ऐसा दुकानदारों का कहना है।