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वास्तविक सेक्स और पॉर्न में अंतर
Dec 23, 2021

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
आज के समय में ज्यादातर लोगों का पॉर्न फिल्म के लिए दिलचस्पी ज्यादा बढ़ गयी है, जिसकी बड़ी वजह इंटरनेट की उपलब्धता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या पॉर्न का असर आपके सेक्स जीवन पर भी पड़ता है? पॉर्न को देखने के बाद व्यक्ति एक कल्पना में जीने लगता है। और बहुत से लोग पॉर्न को रियल सेक्स समझने लगते हैं और फिर अपने बिस्तर पर उसे करने को कोशिश भी करते हैं। ये चीज सेक्शुअल लाइफ को बहुत ज्यादा प्रभावित कर रही है। लोग पॉर्न से ही सेक्स एक्सपीरियंस की समझ लेने लगते हैं और पहली बार सेक्स में इसी का इस्तेमाल करते हैं, जबकि सच ये है कि रियल सेक्स , पॉर्न फिल्म में दिखाए जाने वाले सेक्स से बहुत अलग होता है। लेकिन रियल सेक्स इससे बहुत अलग होता है।
“असल जिंदगी में महिलाएं लिंग के आकार की ज्यादा परवाह नहीं करती हैं। महिलाएं बस ये चाहती हैं कि उनका पार्टनर सेक्स में बेहतर हो और वह संबंध बनाने के दौरान सहज व खुश महसूस करें।”

ज्यादातर महिलाएं पॉर्न स्टार की तरह नहीं दिखतीं:
जैसा की आप जानते हैं कि कोई व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता है। ऐसे में अगर आप सोचते हैं कि महिलाएं पॉर्न स्टार की तरह दिखेंगी तो ये सच नहीं है। अधिकतर पॉर्न स्टार अपने बेहतर फिगर के लिए बहुत मेहनत करती हैं और सर्जरी तक का सहारा लेती हैं। इसीलिए ये उम्मीद न करें कि आपकी पार्टनर का फिगर और अन्य चीजें पॉर्न एक्ट्रेस जैसी होगी।
सेक्स में वास्तविक जुनून शामिल होता है और ये केवल उत्तेजना में कराहने के बारे में नहीं है। इसमें दो लोगों की भावनाएं शामिल होती हैं, जो अपने रिश्ते को आगे बढ़ा रहे होते हैं। और जो सिर्फ शारीरिक संतुष्टि के लिहाज से शूट किया गया होता है।

सेक्स के दौरान अधिक बातचीत दिखाई जाती है:
पॉर्न फिल्मों में ज्यादातर महिलाएं पुरुषों का मार्गदर्शन करेंगी कि वे बिस्तर में क्या चाहती हैं। अधिकांश पुरुष पूछेंगे कि उन्हें क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए। पॉर्न में, चादरों (या सोफे पर या पूल में) के बीच जो होता है। असल जिंदगी में इतना संचार नहीं होता है, क्योंकि उस दौरान कपल शारीरिक व भावनात्मक रूप से एक हो रहा होता है।

कैमरे पर अच्छी दिखने वाली सेक्स पोजीशन:
जब फिल्म की शूटिंग होती है, तो कैमरे के एंगल आदि के बारे में सोचा जाता है और उसके अनुसार सीन को प्लान किया जाता है। यही अप्रोच पॉर्न फिल्म को बनाने के दौरान भी ली जाती है। सभी सीन्स को इस तरह से पेश किया जाता है कि वो आकर्षक लगें और इसी के मुताबिक सेक्शुअल पोजिशन्स भी तय की जाती हैं। इसीलिए अपनी असल जिंदगी में इन सभी पोजिशन्स को ट्राई करने की कोशिश न करें।