प्रार्थना के साथ नए वर्ष का करें स्वागत


डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
हम सभी अपने हृदय में यह प्रार्थना लेकर नए वर्ष का स्वागत करें कि नए साल में सभी इनसान खुशहाल व सौहार्द्रपूर्ण भविष्य का सपना देखते इस वर्ष जीवन को खुशी और शांति से परिपूर्ण कर सकें। हम आशा व आत्मविश्वास सहित आगे कदम बढ़ाने का संकल्प लें।

अनुकूल भविष्य के लिए केवल प्रार्थना और इसके लिए आशा करना ही पर्याप्त नहीं है। हमें दृढ़संकल्प और आत्मविश्वास के साथ काम करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। अपनी पिछली गलतियों को समझकर और उनसे सीख लेकर, हमें आगे बढ़ना चाहिए और उत्साह के साथ काम करना चाहिए। यदि हम प्रयास करेंगे, तो हमें निश्चित रूप से ईश्वर की कृपा प्राप्त होगी।

जीवन आकस्मिक घटनाओं का भंडार है। जब हम सुख में सब कुछ भुला देते हैं, तो अचानक हमारा सुरक्षा-कवच हट जाता है और एक कटु, चुनौतीपूर्ण स्थिति हमारे सामने आ खड़ी होती है। इसीलिए हर परिस्थिति में जागरूक रहने की आवश्यकता है। घर, बाहर, काम पर हमेशा एक बात सुनी-कही जाती है- ‘ध्यान से पढ़ाई करो’, ‘ध्यान से चलो’, ‘ध्यान से काम करो’, आदि। लेकिन सच्ची श्रद्धा में प्रेम, विश्वास, धैर्य, सावधानी और समर्पण सब समाविष्ट हैं। इन सबके मिलने पर ही ‘जागरूकता’ में पूर्णता आती है।

आत्मविशस होगा तो हम इस झूले की सवारी का आनंद ले पाएंगे, वरना डर के मारे रोते—चीखते रहेंगे। उन्हें जानकारी होगी कि हरे आम में खटास होगी और पकने पर ही वो मीठा होगा। जबकि हम तो हरे, अधपके आमों में भी मिठास की अपेक्षा करते हैं। ज

हम स्वच्छ रहने के लिए प्रतिदिन स्नान करते हैं। उत्साह हमारे मन के लिए स्नान है। केवल नए वर्ष का दिन ही नहीं, बल्कि जीवन का हर दिन उत्साहपूर्ण हो! ऐसा होगा तो न केवल हमारा जीवन सुंदर बनेगा, बल्कि हमारे आसपास भी उत्साह का वातावरण निर्मित होगा। हम इस प्रकार से जी सकें, तो जहां जाएंगे, हर्षोल्लास और आनंद का बोलबाला होगा। हम इस पृथ्वी पर प्रेम और शांति के दूत बन जाएं। जीवन शांति और सुख से परिपूर्ण हो। आप सब पर कृपा बनी रहे।