अखिलेश पाठक के नामांकन से शाहबाद में मुकाबला हुआ दिलचस्प

संवाददाता श्याम जी गुप्ता
रीडर टाइम्स न्यूज़
2 जिला पंचायत सदस्यों सहित लगभग 60 ग्राम प्रधानों ने किया समर्थन का ऐलान
नामांकन करवाने के लिए कार्यालय पर उमड़ा जन सैलाब।
शाहबाद विधानसभा में चुनावी समीकरण प्रतिदिन बदलते दिखाई दे रहे है। जहाँ एक तरफ भाजपा के तमाम कट्टर नेता और विधायक के क़रीबी पार्टी का दामन छोड़ चुके हैं तो वहीं भाजपा के स्तम्भ रहे अखिलेश पाठक के निर्दलीय नामांकन करने से अन्य पार्टियों का समीकरण बिगड़ सा गया है। भाजपा को झटका दे चुके अखिलेश पाठक द्वारा मंगलवार को नामांकन किया गया। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरते ही चुनावी समीकरण में बदलाव शुरू हो गया है। अखिलेश पाठक के द्वारा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरने से भाजपा सहित अन्य प्रत्याशियों के पैर उखड़ने शुरू हो गये है। अखिलेश पाठक के नामांकन में हज़ारों कार्यकर्ताओं और जनसैलाब के पहुँचने से अखिलेश पाठक के चहरे पर ख़ुशी दिखी।

पाठक ने कहा कि उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी से है। पाठक हज़ारों समर्थकों के बीच अपने कार्यालय से जिला मुख्यालय के लिए चुनाव आयोग के नियमो का पालन करते हुए नामांकन के लिये रवाना हुए। बतातें चलें कि 1977 में हुये विधानसभा शाहाबाद के चुनाव में जनसंघ द्वारा टिकट न मिलने पर ब्रज बल्लभ सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।इसी तरह 1991 में बाबू खां ने निर्दलीय चुनाव लड़कर दो मंत्रियों को हरा कर विधायक बने थे।