‘नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल’ और ‘सुप्रीम कोर्ट’ के आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां

संवाददाता सूरज तिवारी
रीडर टाइम्स न्यूज़
लखनऊ थाना गुडंबा के अंतर्गत टेढ़ी पुलिया चौराहे पर सजी मांस की मंडी
नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के बहुत पहले से ही मीट की दुकानों के लिए कुछ आदेश जारी किए थे। इनका अब भी प्रदेश में सख्ती से पालन नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 यूपी में मीट की दुकानों के संचालन के लिए 17 बिदुंओं पर आधारित एक गाइडलाइन जारी की थी।

* इन नियमों का उल्लंघन करने पर दुकानदार को जेल हो सकती है।
जानिए क्या है नियम-
1. मीट की दुकान धार्मिक स्थल से 50 मीटर की दूरी पर हो। धार्मिक स्थल के मेनगेट से 100 मीटर की दूरी हो।
2. मीट की दुकान सब्जी या मछली की दुकान के पास नहीं होगी।
3. मीट दुकान के अंदर जानवर या पक्षी नहीं काटे जाएंगे।
4. मीट की दुकानों पर काम करने वालों को सरकारी डॉक्टर से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना होगा।
5. मीट की क्वॉलिटी पशु डॉक्टर से प्रमाणित करवानी होगी।
6. शहरी इलाकों में सर्किल ऑफिसर, नगर निगम और फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से एनओसी लेनी होगी।
7. ग्रामीण इलाकों में ग्राम पंचायत, सर्किल अफसर और एफएसडीए एनओसी देंगे।
8. मीट दुकानदार बीमार या प्रेगनेंट जानवर नहीं काट सकेंगे।
9. मीट दुकानदार हर छह महीने पर अपनी दुकान की सफेदी करवाएंगे।
10. मीट काटने के चाकू और दूसरे धारदार हथियार स्टील के होंगे।
11. मीट दुकान में कूड़े के निपटारे के लिए समुचित व्यवस्था होगी।
12. बूचडख़ानों से खरीदे गए मीट का पूरा हिसाब-किताब रखना होगा।
13. मीट इंसुलेटेड फ्रीजर वाली गाडिय़ों में ही बूचडख़ानों से ढोया जाए।
14. मीट को जिस फ्रिज में रखा जाएगा उसका दरवाजा पारदर्शी होगा।
15. मीट की दुकान में गीजर जरूरी होगा।
16. दुकान के बाहर पर्दे या गहरे रंग ग्लास लगा हो ताकि किसी को मीट नजर न आए।
17. एफएसडीए के किसी मानक का उल्लंघन होते ही लाइसेंस रद्द हो जाएगा।